रांची (ब्यूरो)। झारखंड में अपार्टमेंट और डेवलपर का झारेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। यह व्यवस्था 2017 से रा'य में लागू है। यह वैसे प्रोजेक्ट पर भी लागू की गई है जो प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं। लेकिन रा'य भर के डेवलपर यहां रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर बहुत इंटरेस्टेड नहीं रहते हैं। आधे-अधूरे कागजात जमा करके सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। नतीजा यह हो रहा है कि जितने आवेदन आ रहे हैं उससे 20 परसेंट का ही रजिस्ट्रेशन सही से हो पाता है। क्योंकि अधिकतर डेवलपर के डाक्यूमेंट्स कंप्लीट नहीं रहते हैं।

इन प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन आवेदन खारिज

-रामेश्वरम फेज टू, देवी मंडप रोड स्थित सामिनी एनक्लेव, भास्कर कॉलोनी, सुखदेव नगर

-मोरहाबादी स्थित आरजी मेलोडी

-धमसा टोली चुटिया याशे गार्डेन

-चर्च रोड स्थित सरोशी गार्डेन

-श्रद्धानंद रोड स्थित वालदेव भवन

-हेसाग अमरनाथ गार्डेन

-लटमा हेसाग स्थित सुकमल अपार्टमेंट

-पंचवटी टावर हरमू रोड

-कांके रोड स्थित विमलश्री

आवेदन रिजेक्ट पर नहीं मानेंगे बिल्डर

रांची के कई बिल्डर्स ने झारेरा में रजिस्ट्रेशन भले ही नहीं किया हो, लेकिन वो सरकार के आदेश को नहीं मानते हैं। झारेरा के आदेश के अनुसार जिस भी बिल्डिंग का रजिस्ट्रेशन रेरा में नहीं होगा, उसकी खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है। लेकिन रांची के बहुत सारे डेवलपर हैं जो रेरा के इस आदेश को नहीं मानते हैं। झारेरा के अनुसार, जिस प्रोजेक्ट का आवेदन रिजेक्ट किया गया है, तत्काल उस प्रोजेक्ट की बुकिंग और बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई डेवलपर संबंधित प्रोजेक्ट में फ्लैट की बिक्री करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई भी होगी।

बिना रजिस्ट्रेशन ही बिल्डर्स ने बेचे फ्लैट

रेरा में रजिस्ट्रेशन की शुरुआत 2017 में हुई थी। इसके बाद डेवलपर्स ने धड़ल्ले से अपने प्रोजेक्ट का आवेदन जमा करना शुरू किया। लेकिन, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट पर सभी प्रोजेक्ट््स का रजिस्ट्रेशन फंस गया। क्योंकि, शहर के अधिकर बिल्डर्स ने नक्शा पास कराने के बाद उसके अनुरूप बिल्डिंग का निर्माण नहीं करवाया। नक्शा में हेर-फेर कर बिल्डिंग बनाने की वजह से अधिकतर डेवलपर ने निगम से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लिया। इसलिए, ऐसे प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। इसके बावजूद बिल्डरों ने बिना रजिस्ट्रेशन के ही अपने प्रोजेक्ट के फ्लैट्स को बेच दिया।

फिर से करना होगा आवेदन

जिन भी डेवलपर का आवेदन झारेरा ने रिजेक्ट किया है उनको फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। मालूम हो कि ऑफलाइन मोड में जिन बिल्डर्स ने अपने प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया था, उन्होंने समय पर जरूरी कागजात नहीं दिया। बिल्डरों को दो बार रिमाइंडर भेजकर कागजात जमा करने के लिए कहा गया, फिर भी उन्होंने कागजात नहीं दिया। इसके बाद झारेरा ने उनके आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया।