रांची (ब्यूरो) । श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन द्वारा छबील लगाई गई। श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज के शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन द्वारा शास्त्री मार्केट के बाहर शिविर लगाकर छबील की सेवा की गई, जिसमें सभी राहगीरों को मीठे शरबत की सेवा की गई। इसाबेल के शिविर में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन के रंजीत गुप्ता, अशोक गेरा, किशोरी पपनेजा,कवलजीत मिढ़ा,हरजीत सिंह सिंह स्विंकी, भगवान दास मुंजाल, सागर थरेजा,गौरव किंगर,दिवेश किंगर,जगदीश मुंजाल,पवन पपनेजा,कमल मुंजाल,उमेश मुंजाल,पाली मुंजाल,अमरजीत सिंह समेत अन्य शामिल थे।

जेल में डाल दिया

एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने छबील के इतिहास के बारे जानकारी देते हुए बताया कि श्री गुरु अर्जुन देव जी को जिस दिन गर्म तवे पर बिठाया गया, उसी शाम को गुरु जी को वापस जेल में डाल दिया गया। बहुत सख्त पहरा लगा दिया गया कि कोई भी गुरुजी से न मिल सके। उस समय चंदू लाहौर का नवाब था, जिसके आदेश से यह सब हुआ था। उसी रात को चंदू की पत्नी, चंदू का पुत्र कर्म चंद और पुत्रवधू गुरु अर्जुन देव जी से मिलने जेल गए तो सिपाहियों ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया.चंदू की पत्नी और पुत्रवधू ने अपने सारे जेवरात उतारकर सिपाहियों को दे दिए और उस जगह पहुंच गए जहां गुरुजी कैद थे.जब चंदू के परिवार ने गुरुजी की हालत देखी तो सभी रोने लगे कि इतने बड़े महापुरुष के साथ ऐसा बर्ताव?

गुरुजी के आगे रखा

तब चंदू की पत्नी ने कहा, गुरुजी मैं आपके लिए ठंडा मीठा शरबत लेकर आई हूं। कृपया करके शरबत पी लीजिए.यह कहते हुए शरबत का गिलास गुरुजी के आगे रख दिया, तो गुरुजी ने मना कर दिया और कहा कि हम प्रण कर चुके हैं कि चंदू के घर का पानी भी नहीं पीएंगे। यह सुनकर चंदू की पत्नी की आंखें भर आईं और बोली कि मैंने तो सुना है कि गुरुजी के घर से कोई खाली हाथ नहीं गया पर तब गुरु जी ने वचन दिया कि माता इस मुख से तो मैं तेरा शरबत नहीं पीऊंगा, पर हां एक समय ऐसा जरूर आएगा जब यह जो शरबत आप लेकर आई हैं, आपके नाम का यह शरबत हजारों लोग पिलाएंगे और लाखों लोग पीएंगे। आपकी सेवा सफल होगी।