- इसी रफ्तार से साल के अंत तक सभी को टीका लगना संभव नहीं

- रांची में 18 प्लस की आबादी 21,30,935

- अब तक कुल 7,92,873 लोगों को मिली वैक्सीन (37.21 परसेंट)

- फ‌र्स्ट डोज 6,14,663 (28.85 परसेंट)

- सेकेंड डोज 1,78,210 (8.36 परसेंट)

रांची में सबसे कम 60 साल के ऊपर के लोगों ने लिया है टीका

सबसे अधिक 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को टीका लगाया गया है

झारखंड में कुल 78,77,449 लोगों को टीका लगाया गया है

फ‌र्स्ट डोज 65 लाख 28 हजार लोगों को मिला

सेकेंड डोज 13 लाख 49 हजार को मिला

केंद्र की ओर से राज्य को अब तक 79 लाख 58 हजार 140 डोज उपलब्ध कराया गया है

कोविशिलड - 65 लाख 31 हजार 650

कोवैक्सीन - 14 लाख 20 हजार 480

16 लाख वैक्सीन जुलाई के अंत तक मिलेगी झारखंड को

14 लाख 66 हजार 301 कोविशिलड

1 लाख 35 हजार कोवैक्सीन मिलेगी

4 अगस्त को 1,47,740 कोवैक्सीन मिलेगी

रांची में 7,92,873 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है। रांची जिला प्रशासन द्वारा 18 प्लस को 21 लाख 30 हजार लोगों को टीका लगाने का टारगेट तय किया गया है। जिले में आबादी के अनुसार 37 परसेंट लोगों को ही अभी तक टीका लगाया गया है। अब भी 63 परसेंट लोगों को टीका लगना बाकी है। जिस तरह से वैक्सीक की कमी हो रही है, उस हिसाब से इस 63 परसेंट आबादी को इस साल के अंत तक भी टीका लगाना संभव नहीं है। जानकारों का मानना है कि वैक्सीन की अनुपलब्धता और केंद्र से मिलने में हो रहे विलंब के कारण सेकेंड डोज के कंप्लीशन में अगले साल मार्च तक का वक्त लग सकता है।

रोजाना 10 हजार को देना होगा टीका

राजधानी सहित जिले के अन्य जगहों पर सामान्य दिनों में आमतौर पर 7 से 10 हजार लोगों का औसतन रोजाना टीकाकरण किया जाता है। लेकिन टीके की कमी के कारण अधिकतर दिन टीकाकरण का काम बंद रहता है। इन दिनों टीके की कमी के कारण कम लोगों को ही कोरोना का टीका लग रहा है। राजधानी में टीका कम उपलब्ध होने के कारण बुधवार को करीब 7000 लोगों को ही टीका लगवाया। टीका उपलब्ध नहीं रहने के कारण गुरुवार को एक भी सेंटर पर टीकाकरण का काम नहीं हुआ। जिस तरह से टीके की किल्लत हो रही है, इस साल के अंत तक जिला प्रशासन ने जितने लोगों को टीका देने का टारगेट तय किया है वह पूरा नहीं हो पाएगा। अगर हर दिन 7 से 10 हजार लोगों का टीकाकरण किया जाता है तब भी दिसंबर तक पूरी आबादी को सेकेंड डोज मिलना संभव नहीं होगा।

पहले सप्ताह 10 लाख डोज

जुलाई के पहले सप्ताह में करीब 10 लाख डोज ही मिल पाई। हालांकि, जुलाई माह में राज्य के सरकारी हॉस्पिटल में टीकाकरण के लिए करीब 25 लाख डोज का कोटा मिला है। अभी तक जुलाई के दूसरे सप्ताह में 10 लाख डोज ही मिल पाई है। बता दें कि केंद्र ने जुलाई माह में झारखंड को सरकारी टीका केंद्रों के लिए करीब 25 लाख डोज तथा प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए करीब साढ़े आठ लाख डोज का कोटा निर्धारित किया था। वैक्सीन की डोज कम होने की स्थिति में राज्य सरकार ने केंद्र से वैक्सीन का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया है। साथ ही राज्य के प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए तय 25 फीसदी कोटा को कम कर 5 फीसदी करने का अनुरोध किया गया है। वहीं, केंद्र से राज्य को मिलने वाले टीके के 75 फीसदी कोटे को बढ़ा कर 95 फीसदी करने को कहा गया है।

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सरकार जितनी अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराएगी, हम लोग टीका लगाने को तैयार हैं। रांची जिले में 29 से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। वैक्सीन की कमी होती है, इसलिए टीकाकरण का काम बंद कर दिया जाता है।

डॉ शशि भूषण खलखो। जिला वैक्सीन पदाधिकारी। रांची