RANCHI:रिम्स रांची, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (बीएयू) कांके, बीआईटी मेसरा और बीआईटी सिंदरी को ईट राइट कैंपस बनाया जाएगा। यानी इन संस्थानों में खाने पीने की जो व्यवस्था अभी चल रही है, वह पूरी तरह से बदल दी जाएगी। रिम्स समेत राज्य के चार बड़े शैक्षणिक संस्थान फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के ईट राइट कैंपस अभियान से जुड़ेंगे। इन संस्थानों की कैंटीन में हेल्दी व हाइजीनिक खाना मिलेगा। भारत सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है और राशि भी आवंटित की है। संबंधित जिलों के एसडीओ को इन संस्थानों में ईट राइट कैंपस अभियान चलाने की जवाबदेही दी गई है। मानक का पालन करने वाले संस्थानों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

पूरी व्यवस्था बदल जाएगी

रांची के फूड ऑफिसर डॉ एसएस कुल्लू ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर में कॉलेजों और अस्पतालों को प्रमाणित करना शुरू कर दिया है। जिनके पास इन-हाउस कैंटीन हैं, ईट राइट कैंपस के रूप में उनको डेवलप किया जाएगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर विभाग द्वारा प्रमाणन दिया जाएगा। इस अभियान के तहत, निजी कंपनियों, कॉरपोरेट्स, सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, आंगनबाड़ी केंद्रों और यहां तक कि जेलों में, जहाँ भोजन तैयार किया जाता है और लोगों को परोसा जाता है, प्रमाणित किया जा सकता है। चार पैरामीटर हैं जिनके आधार पर परिसर का मूल्यांकन किया जाता है। इन मापदंडों में स्वस्थ भोजन का प्रावधान, पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी व्यवहार और सही भोजन विकल्प बनाने की आवश्यकता के अलावा परिसर में व्यक्तियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कदम शामिल हैं।

फ‌र्स्ट फेज में तीन संस्थान

डॉ कुल्लू ने बताया कि पहले फेज में रांची के तीन बड़े एजुकेशनल संस्थान का चयन किया गया है। जहां हजारों की संख्या में छात्र पढ़ते हैं। उनके लिए मेस में खाना बनाया जाता है। इन संस्थानों को पहले ईट राइट कैंपस घोषित किया जाएगा। इसका मकसद है कि रांची में बीआईटी मेसरा, रिम्स, बीएयू कैंपस में हजारों की संख्या में छात्र पढ़ते हैं। उनको तीन टाइम का खाना मेस में उपलब्ध कराया जाता है । इतनी अधिक संख्या में छात्रों के लिए क्वालिटी का खाना और हाइजीन तरीके से उपलब्ध हो, इसी मकसद के साथ इन कैंपस का चयन किया गया है। पहले फेज में इन कैंपस को सफलतापूर्वक ईट राइट कैंपस घोषित होने के बाद शहर के दूसरे प्राइवेट संस्थानों का चयन भी किया जाएगा और उनको भी ईट राइट कैंपस बनाया जाएगा।

कर्मियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

इन कैंपस में जिन कर्मचारियों द्वारा खाना बनाया जाता है उनको एक्सपर्ट टीम द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। उनको बताया जाएगा कि खाना बनाने में किस तरह क्वालिटी का ध्यान रखा जा सकता है। खाना परोसते समय किस हाइजीन तरीके से खाना खिलाया जा सकता है। इसके अलावा फूड हैबिट से जुड़ी जितनी भी तरह की ट्रेनिंग है, वह कर्मियों को दी जाएगी।

ऐसे घोषित होगा ईट राइट कैंपस

- कैंपस में क्वालिटी का खाना उपलब्ध होगा

- खाना बनाने के सामान की क्वालिटी की परख पहले की जाएगी।

- खाना बनाने के बाद उसकी पैकिंग की जांच होगी।

- खाना परोसने के समय किस तरीके से सर्विस करना है, यह भी बताया जाएगा।

- कैंपस में जिस जगह खाना तैयार हो रहा है उसको किस तरह से साफ रखना है, इसे देखा जाएगा।

- एफएसएसएआई द्वारा सभी नियमों का जो भी संस्थान पालन करेंगे उनको ईट राइट कैंपस घोषित किया जाएगा ।

एफएसएसएआई द्वारा ईट राइट कैंपस के लिए रांची के तीन और धनबाद के एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन का चयन किया गया है। इन संस्थानों में ईट राइट कैंपस के लिए जितने भी मापदंड हैं, उनका पालन कराया जाएगा। इसके बाद दूसरे संस्थानों में भी यह अभियान चलाया जाएगा।

डॉ एसएस कुल्लू, फूड ऑफिसर, रांची