छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मुंबई से जमशेदपुर पहुंचे तीन लोगों को रविवार को स्वास्थ्य विभाग की सर्विलासं टीम ने होम क्वारेंटाइन कर दिया है। होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों में एक कैंसर मरीज और उनके दो परिजन युवक हैं। तीनों रविवार को ही मुंबई से लौटे हैं। तकरीबन एक घंटे तक जांच में सही पाए जाने के बाद इन सभी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दाईगुट्टू स्थित इनके घर लाकर होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया।

मानगो चौक पर पकड़े गए

तीनों प्रशासन को सूचना दिए बगैर घर जाने की फिराक में थे, लेकिन मानगो चौक पर ड्यूटी में तैनात पुलिस टीम ने उनकी कार को रोक लिया। पूछताछ में मुंबई से आने का खुलासा होने पर तीनों को कदमा थाना भेज दिया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम भी सुबह-सुबह कदमा थाना पहुंच गई। वहां इन तीनों मरीजों का मेडिकल चेकअप किया गया। हर तरह से जांच की गई। जांच में ये लोग ठीक-ठाक मिले हैं। इन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है। ये लोग मानगो चौक पर सुबह तकरीबन छह बजे पकड़े गए थे, जब चुपके-चुपके दाईगुट्टू जाने की कोशिश कर रहे थे।

28 दिन क्वारेंटाइन

तीनों को 28 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने शनिवार को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया है कि अब बाहर से आने वालों को 14 नहीं, 28 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा।

क्या हैं दिशा-निर्देश

-पिछले सात दिन में बाहर से आए प्रत्येक व्यक्ति को यथासंभव क्वारेंटाइन में रखा जाए।

-भविष्य में कोई भी व्यक्ति बाहर से आता है तो उन्हें भी यथासंभव सरकारी या इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में ही रखा जाए। किसी भी परिस्थिति में होम क्वारेंटाइन के पूर्व अपर जिला दंडाधिकारी(विधि-व्यवस्था)व जिला सर्विलांस पदाधिकारी को अवश्य सूचित किया जाए।

-कोरोना संक्रमण के संभावित लक्षण वाले बाहर से आए ऐसे व्यक्ति, जिनका 28 दिन पूरा नहीं हुआ है, उन्हें हाई रिस्क के रूप में चिह्नित करते हुए आइसीएमआर के दिशा-निर्देश के तहत सिविल सर्जन, जिला सर्विलांस पदाधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए नमूना जांच कराई जाए।

-ऐसे व्यक्ति जिन्हें सामान्य संभावित लक्षण तो नहीं हैं, लेकिन वे हॉटस्पॉट वाले चिह्नित जिलों से यात्रा करके आए हैं तथा 14 दिन की अवधि पूरी नहीं की है, उनका भी आइसीएमआर के दिशा-निर्देश पर सिविल सर्जन या जिला सर्विलांस पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर नमूना जांच की जाए।

-अप्रैल में जिले में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की सूची संबंधित थाना प्रभारी को भी उपलब्ध कराएं, जिससे थाना स्तर से उनकी प्रतिदिन कड़ी निगरानी की जा सके।