रांची(ब्यूरो)। स्कूलों के 100 गज के दायरे में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा जैसे तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। सिटी में स्थित एजुकेशनल सेंटर के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री हो रही है। इसके चलते बड़ी संख्या में बच्चे और किशोर नशे की लत के शिकार हो रहे हैं। लेकिन इस तरफ ध्यान देने की किशी को फुर्सत नहीं है। प्रशासन सिर्फ आदेश पर आदेश जारी कर रहा है लेकिन प्रतिबंधित चीजें बिकनी बंद हुई या नहीं, इसे देखने वाला कोई नहीं है। हफ्ते भर पहले एक बार फिर से शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट समेत हर प्रकार के टोबैको आइटम की बिक्री पर रोक के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश जारी हुए सात दिन बीत गए हैं, लेकिन इस पर अमल अब तक नहीं किया गया है। आज भी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के आसपास धड़ल्ले से पान, बीड़ी, सिगरेट की बिक्री हो रही है।
पहले भी जारी होते रहे हैं आदेश
प्रशासन ने स्कूलों के सौ गज की दूरी में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है। यह आदेश पहली दफा जारी नहीं हुआ है। पहले कई बार आदेश दिया गया। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। सिटी के अधिकतर स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री होते हुए आसानी से देखा जा सकता है। राजधानी के आसपास इलाकों में हालत और भी ज्यादा खराब है। स्कूल के पास ही तंबाकू उत्पाद आसानी से मिलने के कारण छात्र इन नशीले पदार्थो का सेवन कर नशे के आदी हो रहे हैं। गुटखा का सेवन किशोर ही नहीं, बच्चे भी कर रहे हैं। स्कूल, कॉलेज के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वाले दुकानदारों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से वे खुलेआम तंबाकू उत्पादों की बिक्री कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं। जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, यह ऐसे ही चलता रहेगा।
अमल कराना भूल जाता है प्रशासन
स्कूल कॉलेज के आसपास तंबाकू बेचने पर प्रतिबंध का सिर्फ आदेश जारी होता है। न तो इसकी नियमित जांच कराई जाती है और न ही अभियान चलाया जाता है। वहीं स्कूल-कॉलेज के संचालकों की ओर से भी इस दिशा में कोई मुहिम नहीं चलाई जाती। हालत ऐसी है कि 100 गज तो दूर की बात, स्कूल कॉलेज के ठीक गेट के बगल में टोबैको पदार्थ बेचे जा रहे हैं। यहीं बैठकर स्कूल और कॉलेज गोइंग लडके-लड़कियां सिगरेट का कश लगा रहे हैं। कई स्टूडेंट्स तो यूनिफार्म में ही सिगरेट की कश लगाने दुकान पर पहुंच जाते हैं। दुकानदार भी बेरोक-टोक इन स्टूडेंट्स को सिगरेट और दूसरे नशीले सामान आसानी से उपलब्ध करा देता है।
स्कूल-कॉलेज के 100 गज के दायरे में निषेधाज्ञा
कोटपा के तहत किशी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में सिगरेट या किशी अन्य तंबाकू पदार्थों की बिक्री पर रोक है। इसे देखते हुए रांची के सदर अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए रांची सदर अनुमंडल क्षेत्र के सभी निजी (प्राइवेट) एवं सरकारी स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) के 100 गज की परिधि में निषेधाज्ञा जारी की है। यह निषेधाज्ञा अगले दो महीने तक जारी रहेगी। लेकिन स्थिति यह है कि निषेधाज्ञा के बाद भी स्कूल, कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों के आसपास पान-सिगरेट की दुकान सज रही हैं।
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वीमेंस कॉलेज, महेंद्रा कॉलेज, सरकुलर रोड
लालपुर इलाका एजुकेशन हब माना जाता है। यहां सिर्फ कॉलेज ही नहीं, बल्कि कई कोचिंग संस्थान भी हैं। गल्र्स स्पेशल कॉलेज हैं। बावजूद इसके इस इलाके में पान, बीड़ी, सिगरेट दुकानों की भरमार है। कॉलेज गेट के बगल में ही गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि की बिक्री होती है।

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सेंट जेवियर्स कॉलेज, पुरुलिया रोड
पुरुलिया रोड में भी कॉलेज और कई अलग-अलग स्कूल हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज के अलावा सेंट अन्ना और सेंट जोसेफ स्कूल भी हैं। पुरुलिया रोड में भी कई छोटी-छोटी दुकानें हैं जहां पान, सिगरेट बिकता है। यहां यूनिफार्म में भी स्टूडेंट्स सिगरेट का कश लगाते नजर आ रहे हैं।

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गोस्सनर कॉलेज, क्लब रोड
क्लब रोड स्थित गोस्सनर कॉलेज के इर्द-गिर्द भी दर्जनों पान-सिगरेट की दुकानें हैं। यहां भी कॉलेज स्टूडेंट्स खुलेआम सिगरेट का कश लगाते दिख जाएंगे। दुकानदारों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। बेधड़क दुकानदार स्टूडेंट्स को नशीले सामान उपलब्ध करा देते हैं।

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मारवाड़ी कॉलेज, अपर बाजार
शहीद चौक से अपर बाजार में पान-बीड़ी, सिगरेट दुकानों की भरमार है। यहां जिला स्कूल, मारवाड़ी स्कूल, मारवाड़ी कॉलेज, मौलाना आजाद कॉलेज समेत और भी कई स्कूल हैं। कॉलेज गोइंग गर्ल स्टूडेंट्स के लिए काफी समस्याएं होती हैं।

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डोरंडा कॉलेज, डोरंडा
डोरंडा कॉलेज के बाहर भी ऐसा ही नजारा है। कॉलेज के बगल में दुकान पर हाथ में सिगरेट और चाय का ग्लास लिये स्टूडेंट्स और अन्य लोग आसानी से दिख जाएंगे। लेकिन प्रशासन को यह दृश्य नजर नहीं आता है। कॉलेज प्रबंधक की ओर से भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता।

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रांची कॉलेज, मोरहाबादी
मोरहाबादी सभी नशेडिय़ों का सबसे प्रमुख अड्डा बना चुका है। मोरहाबादी ग्राउंड से कुछ ही दूरी पर रांची कॉलेज के विभिन्न विभाग हैं। लेकिन इस स्थान पर चाय, सिगरेट, गुटखा और दूसरे नशा करने वालों का रेला लगा रहता है। मोरहाबादी ग्राउंड में कुछ लोग तो ड्रिंक भी करते हैं।

शिक्षण संस्थानों 100 गज के दायरे में सिगरेट, तंबाकू जैसे प्रतिबंधित सामान की बिक्री पर रोक है। यदि कोई ऐसा करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-दिनेश यादव, एसडीओ, सदर रांची