- सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद राज्य सरकार ने लिया निर्णय, देवघर डीसी को जारी किया आदेश

-सिर्फ बाबानगरी देवघर के लोगों के लिए ही की गई है व्यवस्था, शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य

रांची : बैद्यनाथ धाम व बासुकीनाथ मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद राज्य सरकार ने दोनों मंदिरों को श्रावण पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को एक दिन के लिए शर्तो के साथ खोलने का निर्णय लिया है। अभी यह व्यवस्था सिर्फ देवघर के स्थानीय लोगों के लिए की गई है। दर्शन के लिए कोरोना से बचाव के गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा। निर्देश दिया गया है कि 100 श्रद्धालुओं का बैच बनाकर श्रद्धालुओं को बारी-बारी से दर्शन की सुविधा दी जाय। वहीं यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि श्रद्धालु मास्क पहनकर, सैनिटाइजर लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर में जाएं। श्रद्धालुओं के दर्शन की पूरी व्यवस्था को सीसीटीवी कैमरे में कैद किया जाएगा। सरकार के स्तर पर इससे संबंधित आदेश की कॉपी देवघर के उपायुक्त को भी भेज दी गई है। साथ ही मंदिर प्रबंधन को इस बाबत सारा इंतजाम सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। यह भी निर्देश दिया गया है कि दर्शन के दौरान इस बात का भी ख्याल रखा जाए कि किसी भी स्थिति में बड़ी भीड़ न जमा हो।

सुप्रीम कोर्ट तक मामला

गौरतलब है कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर श्रावणी मेला व कांवर यात्रा के लिए मंदिर खोले जाने की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते मंदिर में दर्शन पर लगाई गई रोक को सही माना था। हाई कोर्ट ने सरकार से इंटरनेट के जरिये लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन कराने की व्यवस्था करने को कहा था। इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी झारखंड हाई कोर्ट के तीन जुलाई के आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया था, लेकिन आदेश में यह कहा गया कि बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन पर पूरी तरह रोक सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन दर्शन को वास्तविक दर्शन नहीं कहा जा सकता है। सीमित संख्या में शारीरिक दूरी के साथ लोगों को इजाजत दी जानी चाहिए।

क्या हैं दर्शन के लिए शर्तें

- मंदिर प्रबंधन आवश्यक मानदंडों का पालन करते हुए पंडा को मंदिर में प्रवेश कराएं।

- सिर्फ पूर्णिमा के दिन देवघर के स्थानीय श्रद्धालु (कम से कम 100) को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क पहनकर व सैनिटाइजर लगाकर मंदिर में प्रवेश करना है। सभी सीसीटीवी फुटेज में कैद होंगे।

- मंदिर को भादो के महीने में खोलने के मुद्दे पर बाद में निर्देश जारी किया जाएगा।