रांची(ब्यूरो)। रांची पुलिस अपने जवानों पर नजर रखने के लिए ट्रैक ऐप का इस्तेमाल करेगी। पीसीआर के जवान और मोबाइल टाइगर किस वक्त कहां मौजूद है, इसकी ट्रैकिंग की जाएगी। ऐप की मदद से पुलिस के जवानों को जरूरत वाले स्थान पर भेजा जाएगा। अपराध पर लगाम कसने के लिए पीसीआर व टाइगर मोबाइल के जवानों के मूवमेंट की प्रॉपर जानकारी जुटाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल ऑफिस से लेकर थाना लेवल पर भी की जा सकेगी। हाल के दिनों में आपराधिक घटनाओं में इजाफा देखते हुए रांची पुलिस ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा सिटी के हॉट स्पॉट को पुलिस चिन्हित करने जा रही है। जिस इलाके में ज्यादा क्राइम हो रहा है, वहां पुलिस मूवमेंट बढ़ाई जाएगी। पीसीआर, मोबाइल टाइगर पुलिस और थाना पुलिस की गश्ती कराई जाएगी।

ग्रीन, येलो व रेड सिग्नल

राजधानी रांची में करीब 130 वाहनों से गश्ती की जाती है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अलग अलग इलाकों में पीसीआर, मोबाइल टाइगर और थाना गाड़ी से पट्रोलिंग की जाती है। फिर भी शहर में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके पीछे पुलिस वालों की ही लापरवाही झलकती है। दरअसल पीसीआर के जवान किसी एकांत स्थान पर अपनी गाड़ी खड़ी कर सुस्ताते रहते हैं। लेकिन ऐप लांच होने के बाद वे ऐसा नहीं कर सकेंगे। ऐप में पुलिस की गाड़ी का लोकेशन से लेकर, दिन भर में कितनी किमी चली, ये सारी जानकारी मिलेगी। वहीं थ्रीडी इफेक्ट के माध्यम से पुलिस वाहन कहां है, यह भी कंट्रोल रूम में अपडेट होता रहेगा। सिग्नल की मदद से पुलिस वाहन के पोजिशन का पता चलेगा। यदि गाड़ी मूव कर रही होगी तो ग्रीन सिग्नल, गाड़ी खड़ी लेकिन इंजन ऑन है तो पीला और गाड़ी बंद है तो रेड सिग्नल इंडिकेशन देगा।

अक्सर आती हैं कंप्लेन

अपराध पर लगाम लगाने और क्विक एक्शन के लिए गश्ती वाहन, पीसीआर सहित टाइगर पर जिम्मेवारी होती है लेकिन कई बार सूचना के बाद भी ये वाहन समय पर नहीं पहुंचते, जिसे देखते हुए अब इनके मूवमेंट पर ट्रैक ऐप से निगरानी होगी। निगरानी के लिए ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। रांची में पीसीआर और टाइगर मोबाइल के मूवमेंट को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं। समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचने से लेकर पेट्रोलिंग में भी लापरवाही का आरोप पुलिस पर लगता रहा है। हालांकि पीसीआर और मोबाइल टाइगर का लोकेशन जानने के लिए इन्हें पहले से ही जीपीएस से लैस किया गया है, लेकिन इससे इनके मूवमेंट की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाती है।

डीएसपी करेंगे मॉनिटरिंग

वाहनों के ट्रैकिंग की मॉनिटरिंग के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। प्रतिदिन एक डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी दी गई है। बहरहाल ट्रैक ऐप से पुलिस पदाधिकारियों को फैमिलीयर बनाने को लेकर उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है और उनके मोबाइल को भी इस ऐप से लैस कर दिया गया है। ताकि वो भी अपने थाना स्तर में पीसीआर, टाइगर, शक्ति और गश्ती वाहनों की मॉनिटरिंग कर सकें।

आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है। प्रेजेंस को बढ़ाने पर पुलिस का खास ध्यान है, ताकि शहर वासियों में भरोसा पैदा हो और अपराधियों में भय।

-किशोर कौशल, एसएसपी, रांची