रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची इन दिनों जाम से कराह रही है। हर सड़क हर गली में लोग जाम से हलकान हैं। सिटी की सड़कों पर इन दिनों सुबह, दोपहर, शाम सिर्फ जाम ही जाम का नजारा दिख रहा है। यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हर दिन लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। पिस्का मोड़ से कचहरी, कांटाटोली से बहु बाजार, जेल मोड़ से सर्कुलर रोड, लालपुर चौक से कोकर, शहीद चौक से सर्जना चौक में पूरे दिन जाम का झाम झेलना पड़ रहा है। सिटी में निर्माणाधीन तीन फ्लाई ओवर से शहर की सड़कों का 60 फीसदी हिस्सा बाधित हो गया है, जिस कारण सिटी में ऐसी तस्वीर नजर आ रही है। इसके अलावा सड़क का अतिक्रमण भी प्रमुख कारण है। सिटी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम और ट्रैफिक विभाग ने कई सपने दिखाए लेकिन सब मुंगेरी लाल के हसीन सपने साबित हुए हैं। सड़क किनारे लगने वाली फुटपाथ दुकानें, अवैध ऑटो स्टैंड, अवैध पार्किंग एवं जर्जर डायवर्सन ट्रैफिक सिस्टम को बेपटरी करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सारे प्रयास फेल
सिटी की सड़क को जाम मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन, ट्रैफिक डिपार्टमेंट और रांची नगर निगम की ओर से बार-बार प्रयास किए जाते हैं। लेकिन अब तक के किए गए सभी प्रयास फेल साबित हुए हैं। ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए ही क्यूआरटी भी बनाई गई, वह भी फेल हो चुका है। दरअसल, नगर निगम और ट्रैफिक विभाग अपने ही बनाए नियम को कड़ाई से लागू नहीं करा पाता, जिस वजह से स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहती है। कभी कुछ सड़क को वन-वे किया गया तो कभी हैवी व्हीकल की एंट्री पर रोक लगाई गई। लेकिन कुछ ही दिनों में सभी नियम धराशायी हो जाते हैं। कुछ दिनों पहले ट्रैफिक विभाग की ओर से जाम से निजात दिलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई लेकिन यह सिर्फ जानकारी देने तक ही सिमट कर रह गया है। इससे जाम की समस्या के निदान में कोई फर्क नहीं पड़ा।
जाम लगने से क्या क्या परेशानियां
- स्कूल बसों को पहुंचने में हो रही देरी
दरअसल, जाम लगने की वजह से आम लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी परेशानी हो रही है। जाम की वजह से स्कूली बच्चे देर से वापस अपने घर पहुंच रहे हैं। इस वजह से पेरेंटस को भी बच्चों की काफी चिंता होती है। लेकिन जाम इतना ज्यादा रहता है कि समय पर बच्चों को वापस पहुंचाना ड्राइवर के हाथ में भी नहीं है।

-एंबुलेंस को भी नहीं मिल रहा रास्ता
बता दें कि जाम की वजह से कई जगहों पर एंबुलेंस को भी जगह नहीं मिल पाती है। दरअसल, जाम इतना ज्यादा रहता है कि सड़क पर जगह ही नहीं बचती है। ऊपर से सड़क के किनारे फुटपाथ दुकानों के लगने की वजह से और जाम जैसी समस्या होती है। इस वजह से एंबुलेंस को भी जगह मिलने में देरी होती है।
जाम लगने के पीछे की बड़ी वजह
- निर्माणाधीन फ्लाई ओवर
जाम से निजात दिलाने के लिए कई जगहों पर फ्लाई ओवर निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन फिलहाल जाम की बड़ी वजह यही निर्माणाधीन फ्लाईओवर हैं। फ्लाईओवर निर्माण वाले स्थान पर डायवर्सन दिया गया है। लेकिन इसकी हालत इतनी अधिक जर्जर है कि यहां से गाड़ी निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

- अवैध ऑटो और ऑटो स्टैंड
सिटी में करीब 25 हजार अवैध ऑटो चल रहे हैं। जबकि आरटीओ से सिर्फ पांच हजार ऑटो को ही परमिट जारी किया गया है। इसके अलावा सड़क पर जहां-तहां अवैध ऑटो स्टैंड भी बना रखा है। इससे भी ट्रैफिक डिस्टर्ब होता है। ऑटो चालक बेतरतीब तरीके से ऑटो का परिचालन करते है, जिससे सड़क पर जाम की समस्या उत्पन्न होती है। ऑटो और सिटी बस चालक पैसेंजर बिठाने के लिए कहीं भी गाड़ी रोक देते हैं। इससे भी जाम लगने लगता है।

- अतिक्रमण व अवैध पार्किंग
सिटी में बेधड़क और बेरोक-टोक अतिक्रमण जारी है। प्रशासन कार्रवाई तो करता है, लेकिन इसका कोई असर अतिक्रमणकारियों पर नहीं हो रहा है। दरअसल कड़ी कार्रवाई नहीं होने से ऐसी स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा सड़क पर होने वाली अवैध पार्किंग भी जाम की समस्या में योगदान दे रही है। लोग टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक सड़क किनारे कहीं भी खड़ी कर देते हैं। इससे दूसरे वाहन को परेशानी होती है।

-वीआईपी मूवमेंट
सिटी की सड़क पर होने वाले वीआईपी मूवमेंट भी जाम की बड़ी वजह हैं। मूवमेंट से 15 मिनट पहले ही सड़क के सभी कटिंग बंद कर दिए जाते हैं। जो जहां है उसे वहीं रोक दिया जाता है। सबसे ज्यादा रातू रोड चौक से लेकर किशोर गंज चौक तक लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। मुख्यमंत्री, राज्यपाल या किसी भी मंत्री के गुजरने पर यह मार्ग पूरी तरह डिस्टर्ब हो जाता है।