RANCHI: अगर आपकी गाड़ी कोई दूसरा ड्राइव कर रहा है और उसने ट्रैफिक रूल्स ब्रेक किया तो अब फाइन भी उसे ही भरना होगा। यानी की गलती करने वाले को ही पनिशमेंट दिया जाएगा न कि पहले की तरह गाड़ी ओनर को। ट्रैफिक डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक यह नया नियम एफटीवीआर मशीन आने के बाद से लागू हो गया है। हालांकि अभी ट्रैफिक पुलिस को इस नई मशीन से ऑन द स्पॉट फाइन लेने में थोडी मुश्किलें आ रही हैं। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके अलावा मशीन में टेक्निकल खामियों को दूर किया जा रहा है। नेटवर्क के प्रॉब्लम को भी दूर किया जा रहा है। पहले रूल्स तोड़ने पर चालान गाड़ी ओनर के घर के पते पर पहुंच जाया करता था, लेकिन अब ऑन द स्पॉट ही फाइन लिया जा रहा है। नई मशीन में ऑनलाइन और कार्ड दोनों तरह के पेमेंट के ऑप्शन दिए गए हैं।

डीएल के आधार पर कटेगा फाइन

ट्रैफिक डिपार्टमेंट के मुताबिक वैसे व्यक्ति जो बिना हेलमेट के ड्राइविंग कर रहे है। पिलीयन राइडर, ट्रीपल राइड या फिर कार में बिना सिट बेल्ट बांधे ड्राइविंग करने वाले लोगों से ऑन द स्पॉट फाइन लिया जाएगा। ड्राइविंग कर रहे व्यक्ति का ही लाइसेंस लेकर फाइन काटा जाएगा। यदि गाड़ी ओनर खुद ड्राइविंग कर रहा है तो फाइन उसी के नाम से कटेगी, लेकिन यदि ओनर ने अपनी गाड़ी किसी दूसरे व्यक्ति को दी है और ट्रैफिक रूल्स ब्रेक उस व्यक्ति ने किया है तो फाइन उसे ही भरना होगा।

दूर की जा रहीं टेक्निकल खामियां

एफटीवीआर मशीन में टेक्निकल खामियों की शिकायत ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की और से बार-बार की जा रही है। ट्रैफिक एसपी इस मामले की पूरी गंभीरता से स्टडी कर रहे हैं। मशीन में ऑफेंस के नहीं होने की शिकायत हो या फिर नेटवर्क छोड़ने की समस्या, हर बिंदू पर लगातार काम हो रहा है। रातू रोड पर तैनात पुलिस कर्मी ने बताया कि एक व्यक्ति पर फाइन काटने में काफी समय लग रहा है। तबतक दूसरे रूल्स ब्रेक करने वाले पुलिस की नजर से बच निकलते है। मशीन में प्रोसेसिंग काफी ज्यादा है। इसे कुछ कम किया जाए तो बेहतर होगा।

तो ओनर को भी देना होगा फाइन

यदि आपकी गाड़ी से किसी दूसरे ने ने रेड लाइट जंपिंग या जेब्रा क्रॉसिंग के नियम को ब्रेक किया है। ऐसे में गाड़ी ओनर को ही चालान भरना पडे़गा। इस मामले में विभिन्न चौक-चौराहों पर लगे हाई डेनसिटी कैमरे की मदद से फाइन किए जा रहे हैं। कैमरे की मदद से गाड़ी नंबर कंट्रोल रूम को सेंड किया जाता है, जहां गाड़ी नंबर पर दिए एड्रेस के नाम पर चालान जेनेरेट होता है और पोस्ट ऑफिस के माध्यम से गाड़ी ओनर के घर चालान भेज दिया जाता है।