RANCHI: ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को कॉलर कैमरे के इंतजार में साल भर बीत गए हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल दिखाई नहीं दे रही। प्लान अधर में लटका हुआ है और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इसपर जवाब देने से कतरा रहा है। विदित हो कि रांची ट्रैफिक पुलिस को बटन कैमरे की जगह कॉलर कैमरा से लैस होकर ट्रैफिक ड्यूटी में उतारने की घोषणा की गई थी। इस कैमरे की फुटेज भी एचडी होगी और यह लगातार 12 घंटे तक रिकॉर्ड कर सकता है।

पुलिस से उलझ रही पब्लिक

राजधानी रांची की सड़कों पर ट्रैफिक रूल तोड़ने या ट्रैफिक नियम के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों के साथ पुलिस से बहसबाजी और झगड़ा की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। पुलिस पर कई गम्भीर आरोप भी लगे। इसे रोकने और सारी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए निर्णय लिया गया कि ट्रैफिक पुलिस को कॉलर कैमरा प्रोवाइड कराना है। जल्द ही राजधानी की ट्रैफिक पुलिस बटन कैमरे की जगह कॉलर कैमरा से लैस होकर ट्रैफिक ड्यूटी में उतरेगी।

कैमरा करेगा एचडी रिकॉर्डिग

बता दें कि इस कैमरे में स्टोरेज की क्षमता काफी अधिक होती है। यह ट्रैफिक जवान के पूरे ड्यूटी आवर के दौरान हुई गतिविधियों को रिकॉर्ड रखने की क्षमता रखता है। कॉलर कैमरे में किसी भी तरह की घटना की सारी हकीकत रिकॉर्डिग हो जाएगी। साथ ही साथ रिकॉर्डिग की क्वालिटी भी एचडी स्तर की रहती है और काफी बेहतर होती है।

ड्यूटी में आएगी पारदर्शिता

रांची के ट्रैफिक एसपी अजित पीटर डुंगडुंग का कहना था कि अक्सर आम लोग यह शिकायत करते हैं कि उनके साथ ट्रैफिक के जवानों ने दु‌र्व्यवहार किया या फिर पैसे मांगे। वहीं कई बार ट्रैफिक जवानों से भी गलत व्यवहार किया जाता है। ऐसे में कॉलर कैमरे की रिकॉर्डिग को देखकर किसी व्यक्ति विशेष के जरिए किए गए ट्रैफिक नियम के उल्लंघन की जानकारी ली जा सकती है। किसी व्यक्ति की आपत्ति को भी रिकॉर्डिग देखकर दूर किया जा सकता है।

ट्रैफिक फंड से खरीदारी

विदित हो कि मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में पुलिस इन कैमरों का उपयोग कर पुलिसिंग को आसान बना रही है। रांची ट्रैफिक पुलिस को 200 ऐसे कैमरे उपलब्ध करवाए जाने हैं, जिसमें और आसानी होगी। ट्रैफिक एसपी के अनुसार कैमरे ट्रैफिक फंड से खरीदे जाने हैं।

क्या है खासियत

रांची में ट्रैफिक में तैनात जवानों को इससे पहले बटन कैमरा दिया गया था। लेकिन बटन कैमरे में 1 से 2 घंटे की रिकॉर्डिग की सुविधा थी। इसी वजह से इस कैमरे को वापस ले लिया गया। अब ट्रैफिक के जवान कॉलर कैमरे का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें 12 घंटे तक लंबी रिकॉर्डिग सुविधा है। साथ ही इसे बिना चार्ज किए 12 घंटे तक चलाया जा सकता है।

किसी भी मौसम में करेगा काम

इसमें से किसी भी रिकॉर्डिग को न तो डिलीट किया जा सकता है और न ही इसमें कोई परिवर्तन किया जा सकता है। इन कैमरों में फुल एचडी वीडियो रिकॉर्डिग की सुविधा है। वजन में 150 ग्राम से भी हल्का है और साइज में भी काफी छोटा होने के कारण इसे वर्दी पर आसानी से लगाया जा सकता है। कैमरे से 100 सेमी तक के एरिया में आसानी से देखा जा सकता है। साथ ही यह किसी भी मौसम में काम कर सकता है।

वर्दी पर क्लिप की मदद से लगेगा

इन कैमरों में 2 इंच का कलर स्क्रीन लगा है, इसे वर्दी पर क्लिप की मदद से लगा सकेंगे। वर्दी पर कैमरा देख आमजन को लगेगा कि उसकी रिकॉर्डिग हो रही है। ट्रैफिक पुलिस के जवान अपने हर दिन की रिकॉर्डिग को सीसीआर में मौजूद स्टोरेज सेंटर में जाकर स्टोर करेंगे, फिर दूसरे दिन अपने कैमरे को लेकर ड्यूटी पर जाएंगे।

ट्रैफिक के प्रति लोग होंगे जागरूक

अधिकारियों का दावा था कि कैमरों के प्रयोग से पुलिसकर्मियों का जनता के प्रति और जनता का पुलिसकर्मियों के साथ होने वाले व्यवहार में परिवर्तन आएगा। सड़क सुरक्षा में और अधिक सुधार होगा। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के मौके पर सबूत मिल सकेंगे। लोगों की झूठी शिकायतों में कमी आएगी। ड्यूटी के प्रति पुलिसकर्मियों की जवाबदेही, परफॉर्मेंस और पारदर्शिता में इजाफा होगा।