रांची: सिटी के विभिन्न चौक-चौराहों पर सही डायरेक्शन बताने के लिए लगाई गई ट्रैफिक लाइट लोगों को कन्फ्यूज कर रही हैं। जी हां, रास्ते है नहीं और ट्रैफिक लाइट ग्रीन सिग्नल दे रही है। राजधानी का सबसे प्रमुख चौराहा अल्बर्ट एक्का चौक जहां से हर दिन हजारों लोग गुजरते हैं, उस स्थान पर भी ट्रैफिक सिग्नल लगाने में लापरवाही बरती गई है। यहां ईस्ट की ओर डायरेक्शन बताता एक ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। लेकिन जिस दिशा में सिग्नल जाने का डायरेक्शन दे रहा है, उस दिशा में कोई सड़क ही नहीं है। इससे कई बार नए लोगों को परेशानी होती है। इसी प्रकार कुछ स्थानों पर नए सिग्नल लगाए जाने के बाद पुराना को हटाया नहीं, इससे भी लोगों की मुसीबत बढ़ गई है।

ज्यादातर ट्रैफिक लाइट बंद

चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइट लोगों की सुविधा के लिए लगाई गई हैं। लेकिन राजधानी में कई स्थानों पर लगी ये लाइट ज्यादातर समय बंद ही रहती हैं। अरगोड़ा चौक, रातू रोड चौक व जेल मोड़ चौक समेत अन्य चौक पर भी ट्रैफिक लाइट का यही हाल है। कुछ स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस अपनी मर्जी से जलाते हैं। जब वीआईपी मूवमेंट होती है उस वक्त सिग्नल बंद कर दिए जाते हैं। वहीं वीआईपी मूवमेंट होने के बाद भी काफी देर तक ट्रैफिक सिग्नल बंद कर ट्रैफिक पुलिस मैनुअली ही ऑपरेट करती है। इससे सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

बेकार पड़ी ट्रैफिक लाइट नहीं हटाई

एमजी रोड समेत कई अन्य सड़कों से पुराना ट्रैफिक सिग्नल हटाया नहीं गया हैं। जर्जर हो चुके ये सिग्नल कभी दुर्घटना का कारण बन सकते है। चर्च कॉम्पलेक्स के समीप एक पुराना जर्जर हो चुका ट्रैफिक सिग्नल ऐसे ही छोड़ दिया गया है। वहीं सुजाता चौक से थोड़ा आगे सिर्फ पांच फीट की उंचाई पर सिग्नल लगाने से कन्फ्यूजन बना रहता है। दरअसल, इस स्थान पर ट्रैफिक लाइट तो लगा दी गई लेकिन यह कभी जलती नहीं। हाइट कम होने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। वहीं रातू रोड समेत अन्य इलाकों में अबतक पुराने ट्रैफिक सिग्नल नहीं हटाए गए हैं।

लगा है स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत राजधानी में स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन के उद्देश्य से स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया था। इस ट्रैफिक लाइट का उपयोग ऑटोमेटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट में होना था। यदि किसी चौराहे पर एक ओर वाहन नहीं है, और दूसरी तरफ वाहनों की लाइन लगी है तो रेड सिग्नल ऑटोमेटिक ग्रीन होना था। इनका उद्देश्स चौराहे के जाम से निजात पाना था। लेकिन ये स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल भी मैन्यूअल ही काम कर रहे हैं, जिससे ज्यादा अंतर नहीं आया। सबसे ज्यादा खराब स्थिति करमटोली चौक की रहती है। यहां ढाई मिनट तक रेड सिग्नल जलाया जाता है। दूसरी ओर किसी वाहन के न होते हुए भी लोगों को रेड सिग्नल की वजह से ठहरे रहना पड़ता है। इसी कारण दूसरी साइड जाम लग जाता है।