RANCHI : अब रांची में देसी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज किया जाएगा। होम्योपैथ, यूनानी व योगा के जरिये ट्रीटमेंट कर लोगों की बीमारियों को दूर किया जायेगा। इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जो देसी चिकित्सा पद्धति से ही इलाज कराना प्रिफर करते हैं। इसके लिए पूरे राज्य में आयुष डॉक्टर, टेक्निकल स्टाफ, नन टेक्निकल स्टाफ , लैब टेक्नीशियन, डिस्टिक मैनेजर सहित अन्य पोस्ट पर 680 लोगों को कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किया जाएगा। झारखंड रूरल हेल्थ मिशन सोसायटी की ओर से इस पर काम शुरू कर दिया गया है।

एक डॉक्टर के जिम्मे 16 अस्पताल

रांची सहित राज्य भर में जहां भी आयुष अस्पताल हैं। उनमें डॉक्टरों की बेहद कमी है। आलम यह है कि एक आयुष डॉक्टर के जिम्मे 16 अस्पतालों का प्रभार दिया गया है। डॉक्टरों की इस कमी को देखते हुए ही 350 डॉक्टरों की बहाली होने जा रही है। झारखंड रूरल हेल्थ मिशन सोसायटी के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में स्थित आयुष अस्पतालों में डॉक्टर से लेकर नर्स, कंपाउंडर, टेक्नीशियन, नन टेक्नीशियन, ऑफिस मैनेजर, लैब टेक्नीशियन आदि की पोस्ट पर बहाली करने का निर्णय लिया गया है।

अक्टूबर तक हो जाएगी बहाली

विभाग के अधिकारी ने बताया कि आयुष अस्पतालों के लिये जो बहाली हो रही है उसे सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। अक्टूबर महीने से सभी आयुष अस्पतालों में डॉक्टरों नर्स और कंपाउंडर बहाल हो जाएंगे।

विभाग में 81 परसेंट पोस्ट खाली

आयुष विभाग के कई डॉक्टर, अधिकारी और कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। प्रेजेंट में स्थिति यह है कि विभाग के 81 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं। 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना। उस वक्त आयुष विभाग को जितने लोग मिले थे, उसमें भी सभी लोगों ने झारखंड में योगदान नहीं दिया। वर्ष 2000 से अब तक यानी 19 साल में कोई नियुक्ति नहीं हुई।

यह है वर्तमान की स्थिति

राज्य के 24 जिलों के सभी जिला अस्पतालों व अन्य अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों की बात करें, तो कुल 513 पद सृजित हैं, इनमें से सिर्फ 69 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। 444 पद रिक्त हैं। आयुर्वेद में 258 पद सरकार ने मंजूर किये हैं, जिनमें से 213 पद रिक्त हैं। होम्योपैथी के 165 पद सृजित हैं, जिनमें 146 रिक्त हैं। यूनानी चिकित्सकों के कुल 90 स्वीकृत पदों में 85 खाली पड़े हैं। जबकि कुल 670 पद मंजूर हैं, जिनमें से 591 पद रिक्त पड़े हैं।