रांची(ब्यूरो)। खिलाडिय़ों को महान हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा के पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है। ये बातें हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने सोमवार को कहीं। वह मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की आज 120वीं जयंती पर हॉकी सिमडेगा की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। मौके पर हॉकी सिमडेगा द्वारा खिलाडिय़ों के साथ मिलकर जयपाल सिंह के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। हॉकी सिमडेगा द्वारा गोंडवाना खेल छात्रावास कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी हॉकी, फुटबॉल एवं तीरंदाजी खिलाडिय़ों ने सामूहिक रूप से पुष्पांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित की।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जयपाल सिंह

महान हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता थे। वे जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। वह विदेशों की यूनिवर्सिटी में हायर एजुकेशन ग्रहण करने के साथ ही झारखंड के खूंटी लोकसभा क्षेत्र से स्वतंत्र भारत के पहले सांसद भी चुने गए थे। इस क्षेत्र से वह लगातार तीन बार सांसद रहे। भारत 1928 के ओलंपिक में उन्हीं की कप्तानी में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। हॉकी सिमडेगा के कमलेश्वर मांझी ने भी खिलाडिय़ों को जयपाल सिंह मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा बहुत ही विद्वान थे, उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) में हो गया था। आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ, क्योंकि वह 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए थे।

आदिवासियों की आवाज थे

गोंडवाना छात्रावास के शिक्षक अनुज बेसरा ने कहा की आदिवासियों के विकास के लिए जयपाल सिंह बहुत ही सराहनीय कार्य किये थे। 1938 जनवरी में उन्होंने आदिवासी महासभा की अध्यक्षता ग्रहण की, जिसने बिहार से इतर एक अलग झारखंड राज्य की स्थापना की मांग की। इसके बाद जयपाल सिंह देश में आदिवासियों के अधिकारों की आवाज बन गए। उनके जीवन का सबसे बेहतरीन समय तब आया जब उन्होंने संविधान सभा में बेहद वाकपटुता से देश के आदिवासियों के बारे में सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखी। जिसके इतिहास को पढऩे की जरूरत है और उनके अनुसार संगठित होने की जरूरत है। मौके पर खिलाडिय़ों के बीच मिठाई का भी वितरण किया गया।