रांची : रांची के डोरंडा स्थित हाई कोर्ट के पास सोमवार को 22 जिलों की पड़हा समिति के लोग पत्थलगड़ी करने पहुंच गए। पुलिस ने इन्हें रोका तो हंगामा शुरू हो गया। पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पुलिस द्वारा समझाने-बुझाने पर भी नहीं मान रहे थे। बाद में वहां ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार सहित अन्य अधिकारी पहुंचे और उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। इसके बाद सभी वहां से लौट गए।

हटाने का प्रयास

जानकारी के अनुसार, पड़हा पंचायतों के प्रतिनिधि भारत का राजपत्र लिखा हुआ शिलापट्ट लेकर हाई कोर्ट के पास लगाने पहुंचे थे। हाई कोर्ट के गेट नंबर एक के समीप डा। भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने पत्थलगड़ी करने की कोशिश कर रहे थे। उसी दौरान हाई कोर्ट के समक्ष भीड़ को देखते हुए स्थानीय थाने की पुलिस पहुंची और उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया। लेकिन पड़हा समिति के लोग नहीं मान रहे थे। इसकी सूचना मिलने के बाद वहां पांच थानों की पुलिस, एसडीओ, डीएसपी सहित कई अधिकारी पहुंच गए। करीब दो घंटे तक समिति के लोग हंगामा करते रहे।

दबे, कुचले जा रहे आदिवासी

पड़हा समिति के लोगों का कहना था कि पांचवी और छठी अनुसूची पैरा 6 के उप पैरा 2 द्वारा के तहत आदिवासियों के अधिकार को यहां की सरकार और अधिकारी लागू नहीं होने देना चाहते। यही वजह है कि यहां के आदिवासी दबे कुचले जो रहे। लगातार शोषण के शिकार हो रहे हैं। पत्थलगड़ी कराने आए लोगों ने कहा कि पांचवी और छठी अनुसूची के तहत झारखंड के आदिवासियों पर कोई केस मुकदमा लागू नहीं होता और इनका कानून भी अलग है।

खुलेआम दी चेतावनी

पत्थलगड़ी करने पहुंचे लोगों ने पुलिस-प्रशासन को चेतावनी दी, कहा कि अभी रोक लो, लेकिन जब हजारों की भीड़ आएगी तब तो पत्थलगड़ी से नहीं रोक पाओगे। पुलिस-प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आदिवासियों का शोषण करना बंद करें। वरना आंदोलन कर सभी अनुसूचित इलाके में पत्थलगड़ी किया जाएगा।