रांची(ब्यूरो)। पलामू प्रमंडल के लातेहार जिले में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की तुबेद कोयला खान परियोजना स्थापित किये जाने को लेकर कवायद तेज करने की आवश्यकता है। प्रथम चरण के लिए प्रस्तावित भूमि का अधिग्रहण संबंधित कार्य युद्ध स्तर पर कराते हुए 15 दिसंबर तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। डीवीसी द्वारा प्रथम चरण के लिए 113 एकड़ भूमि के अधिग्रहण से संबंधित कार्य करें। साथ ही परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाने वाली शेष भूमि के सत्यापन एवं अन्य कार्यो को भी यथाशीघ्र संपन्न करने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाये। ये बातें आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहीं। वे गुरुवार को आयुक्त कार्यालय में तुबेद कोयला खान परियोजना की कार्य-प्रक्रियाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

लातेहार अपर समाहर्ता को जरूरी निर्देश

आयुक्त ने लातेहार के अपर समाहर्ता को निर्देश दिया कि उपायुक्त से समन्वय स्थापित कर संबंधित ग्रामों में परियोजना से संबंधित कार्यों के लिए अतिरिक्त कर्मियों राजस्व कर्मचारी, अमीन, लिपिक की प्रतिनियुक्ति कराते हुए कार्यों को समय से पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने दामोदर घाटी निगम के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि परियोजना से संबंधित कार्यों के लिए संबंधित अंचलाधिकारी एवं अपर समाहर्ता को आवश्यक सहयोग प्रदान करें एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समय से कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। आयुक्त ने प्रथम चरण के लिए प्रस्तावित 113 एकड़ पर प्रस्तावित खनन कार्य संबंधित सभी कार्य संबंधित सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए रैयतों को मुआवजा भुगतान करने का भी निदेश दिया, ताकि प्रभावित रैयतों को मुआवजा हेतु कोई समस्या नहीं हो या इंतजार नहीं करना पड़े।

113 एकड़ भूमि में होना है खनन

बता दें कि पलामू प्रमंडल के लातेहार जिले में दामोदर घाटी निगम की तुबेद कोयला खान परियोजना प्रस्तावित है। इसके लिए डीवीसी द्वारा प्रथम चरण में 4 ग्राम तुबेद, डीही, धोबियाझारण, अंबाझारण अंतर्गत 113 एकड़ भूमि पर खनन कार्य किया जाना है। इसमें रैयती भूमि के लिए मुआवजा भुगतान हेतु सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। बैठक में लातेहार के अंचल अधिकारी द्वारा बताया गया कि एक माह के अंदर इस संबंध में सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा। इसके उपरांत रैयतों को मुआवजा भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं गैर मजरूआ आम, खास, जंगल-झाड़ी की भूमि की स्थानांतरण हेतु मूल्यांकन कर उपायुक्त के माध्यम से राज्य को भेजा गया है। अधिसूचित वन क्षेत्र एवं विभागीय भूमि का भी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का कार्य भी प्रक्रियाधीन है। बैठक में लातेहार जिले के अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप एवं लातेहार अंचल के अंचल अधिकारी रूद्र प्रताप उपस्थित थे।