रांची(ब्यूरो)। रांची में 5 साल में लगभग ढाई लाख वोटर्स बढ़ गए हैं। पिछले 5 साल में रांची में 2 लाख 45 हजार कुल वोटर्स बढ़े हैं। यह ऐसे लोग हैं जो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। इसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। मतदाताओं की संख्या में यह वृद्धि पिछले 5 वर्षों में दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 87,000 थी वहीं कोरोना की वजह से 2020 में नए मतदाताओं को जोडऩे का काम नहीं हो पाया। लेकिन साल 2021 में 89 हजार, 2022 में 32000 और 2023 में 36000 नए वोटर्स जोड़े गए।

रांची में कुल 24 लाख वोटर्स

नए मतदाताओं को जोडऩे से रांची जिले में मतदाताओं की कुल संख्या बढ़कर 24 लाख 14 हजार पहुंच गई है। यह 5 साल पहले विधानसभा चुनाव में से 10.53 परसेंट अधिक है। पिछले साल 2019 में रांची में 21 लाख 84 हजार वोटर्स थे। हालांकि अभी भी नए मतदाताओं को जोडऩे का काम चल रहा है। आने वाले लोकसभा चुनाव में रांची जिले में 2.45 लाख नए मतदाता पहली बार वोट करेंगे। 2019 में रांची जिले में 21 लाख से अधिक मतदाता वोट किए थे, जबकि वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 18,46,774 मतदाताओं ने वोट किया था।

पांच को पब्लिस्ड होगी लिस्ट

नई मतदाता सूची का प्रकाशन पांच जनवरी को किया जाएगा। जानकारी के अनुसार पांच जनवरी को प्रकाशन होने वाले वोटर लिस्ट को ही लोकसभा के लिए अंतिम सूची माना जा रहा है। नए मतदाताओं के संबंध में जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी का कहना है कि वोटर लिस्ट का प्रकाशन होने पर ही सही आंकड़ा पता चलेगा कि किस विधानसभा क्षेत्र में कितने वोटर्स बढ़े हैं।

स्टेट में कुल ढाई करोड़ वोटर्स

चुनाव आयोग द्वारा इन दिनों कराए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण में राज्य में करीब 9 लाख से अधिक मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। 27 अक्टूबर को जारी हुई मतदाता सूची के प्रारूप के अनुसार, राज्य में मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 50 लाख 59 हजार 746 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 28 लाख 24 हजार नौ है। यदि बात करें महिला मतदाताओं की तो इनकी संख्या 1 करोड़ 22 लाख 35 हजार 359 है।

महिला वोटर्स में ज्यादा इजाफा

झारखंड में महिला वोटरों की संख्या बढ़ी है। साल 2022 में जुड़े करीब 5लाख 40 हजार मतदाता 5 जनवरी 2023 को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के आंकड़ों की तुलना में लगभग 2.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, मुख्य निर्वाचन प्राधिकारी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिव्यांग मतदाताओं की संख्या में कमी देखी जा रही है। जबकि थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या में आंशिक वृद्धि है।

27 अक्टूबर से जुड़ रहे नाम

27 अक्टूबर को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित होने के बाद इस पर 9 दिसंबर तक आपत्ति दर्ज की गई, जिसमें सुधार 26 दिसंबर तक किया जाएगा। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 5 जनवरी 2024 को किया जाएगा। नए नाम जोडऩे के अलावा किसी तरह की मतदाता सूची से संबंधित शिकायत को मतदान केंद्र पर दर्ज किया जा सकता है। इस बार की मतदाता सूची को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए व्यापक तैयारी की गई है।

करीब 5 लाख वोटर्स लापता

चुनाव आयोग द्वारा पिछले दिनों बीएलओ के माध्यम से कराए गए सत्यापन में 4,80,352 मतदाता घर पर अनुपस्थित पाए गए। वहीं 5,15,132 का पता बदलने से स्थानांतरित और 4,28,165 मृत मतदाता चिन्हित किए गए। मृत मतदाताओं के परिजनों ने सत्यापन के दौरान यह शिकायत की कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कहीं-कहीं तो प्रमाण पत्र बन ही नहीं पा रहा है।