रांची(ब्यूरो)। गर्मी की तपिश में राजधानी के लोग तप रहे हैं। शहर में कंक्रीट का जंगल बढ़ रहा है। यह सब नहीं होता, अगर रांची नगर निगम जागरूक होता। दरअसल, रांची नगर निगम ने शहर में करीब 30 हजार भवनों का नक्शा पास कर दिया है। इसके साथ ही पांच-दस प्रतिशत खाली जमीन पर पेड़ लगाने का निर्देश भी जारी किया। लेकिन निर्देश का कितना पालन हुआ, इसे जांचने और देखने की जहमत नगर निगम ने नहीं उठाई। नतीजन, दो लाख पेड़ सिर्फ कागज में ही लगे। धरातल पर कहीं पेड़ नजर नहीं आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कभी गर्मी के दिनों की राजधानी रही रांची में आज टेंप्रेचर 40 डिग्री सेल्सियस को भी क्रॉस करने लगा है। बारिश कम होती जा रही है।

क्या है रूल

रांची शहर में कोई भी व्यक्ति या बिल्डर जब अपने मकान का नक्शा नगर निगम में जमा करता है तो उसे नक्शे में यह दर्शाना होता है कि वह भवन के किस-किस हिस्से में बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप पेड़ लगाएगा। हालांकि, नगर निगम से भवन का नक्शा तो पास हो जाता है, लेकिन निगम के अधिकारी यह देखने नहीं जाते हैं कि पेड़ लगाने की जिन शर्तों के साथ नक्शे को पास किया गया है, उन शर्तों का पालन आवेदक द्वारा किया गया है या नहीं। नतीजन आवेदक कागज में तो यह दर्शा देते हैं कि वे भवन के इन-इन हिस्सों में पेड़ लगाएंगे, लेकिन धरातल पर पेड़ का कहीं नामोनिशान नहीं होता है।

कम ग्रीनरी का हटता टैग

बता दें कि तीन साल पहले रांची देश में सबसे कम हरियाली वाली राजधानी बन गई थी। इस टैग को हटाने के लिए एक साल में रांची के शहरी क्षेत्र में 3 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रांची नगर निगम ने तय किया था। दरअसल, रांची नगर निगम क्षेत्र में 30 हजार से अधिक भवनों का नक्शा पास है। छोटे भवनों के लिए जहां पेड़ों की संख्या जगह के हिसाब से तीन से पांच तक है। वहीं, बड़े-बड़े अपार्टमेंट में पेड़ों की संख्या 20 से लेकर 50 तक तय की गई है। इस हिसाब से अगर नक्शा पास कराए गए सभी भवनों में पेड़ लगाये जाते तो शहर के उक्त भवनों में लगभग दो लाख से अधिक पेड़ लगे होते, और शहर में आज जो स्थिति है, वो नहीं होती।

पेड़ ढूंढने में लगी थी एक्सपर्ट टीम

रांची में हरियाली के लिए इसकी मैपिंग के लिए जादवपुर यूनिवर्सिटी से आए एक्सपर्ट को यहां पेड़ ही दिखाई नहीं दिए थे। एक्सपर्ट के मुताबिक मेन रोड, लालपुर, सर्कुलर रोड जैसे शहर के मुख्य इलाकों से पेड़ लगभग साफ हो चुके हैं। ऐसे में हरियाली मैपिंग में काफ परेशानी हो रही है। उस समय रांची नगर निगम ने तय किया था कि निगम क्षेत्र में आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों में पौधरोपण किया जाएगा। इसके बाद शहर के सभी पब्लिक प्लेस में पौधे लगाए जाएंगे।

खाली जमीन पर पेड़ लगाने की योजना

रांची नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निगम शहर के सभी 53 वार्डों में खाली पड़े स्थानों पर पौधे लगवाएगा। ये पौधे सरकारी जमीन पर लगाए जाएंगे। खाली जमीन पर पौधे लगाएंगे और उनकी सिंचाई भी की जाएगी। पौधे जिंदा रहेंगे तो जो एजेंसी पेड़ लगाएगी उन्हें एक पौधे का 2600 रुपए भी मिलेगा।

एक लाख पौधे लगाने का है लक्ष्य

शहर में एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जमीन चिन्हित की जा रही है। सभी वार्डों में उपलब्ध सरकारी जमीन पर ही पौधे लगाने की मंजूरी दी गई है। यदि आवश्यकतानुसार जमीन मिल गई तो एक लाख पौधे लगा दिए जाएंगे। हालांकि, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हर हाल में 90 परसेंट पौधे इस बार नगर निगम जरूर लगाएगा। सहायक नगर आयुकत रविंद्र कुमार ने बताया कि हमलोग अपने स्तर से हरियाली लौटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस काम में आम लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है। नगर निगम, सोसायटी, संस्था और आम लोगों के सहयोग से ही राजधानी रांची को फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है।

रांची की हरियाली वापस लौटाने में नगर निगम जुटा हुआ है। खाली जगहों पर पेड़ लगाए जा रहे हैं। जिन लोगों के भवनों का नक्शा पास करके दिया गया है। उन्हें खाली जगह पर पेड़ लगाने ही होंगे।

-रविंद्र कुमार, सहायक नगर आयुक्त, रांची नगर निगम