रांची(ब्यूरो)। सिटी में बाइक व स्कूटी की चोरी रोकने के लिए अब जगह-जगह सादे लिबास में पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। ये पुलिस कर्मी संदिग्ध लोगों पर नजर रखेंगे और फौरन संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर थाने लाएंगे। जहां उनसे पूछताछ की जाएगी। बाजार, मार्केट, शॉपिंग मॉल समेत दूसरे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सिविल ड्रेस में पुलिस जवान तैनात रहेंगे। एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। लगातार हो रही वाहनों की चोरी की शिकायतों को देखते हुए सीनियर एसपी ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बाइक चोरी के कई आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद भी ऐसी शिकायतें बंद नहीं हुई हैं। ऐसे में अब पुलिस कर्मियों को बाइक चोरी कंट्रोल करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। कुछ दिनों पहले ही गिरोह के पांच लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है।

सरगना तक पुलिस की पहुंच नहीं

राजधानी रांची में बाइक-स्कूटी चोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पुलिस गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर आराम से बैठ जाती है, लेकिन बाइक चोरों का नेटवर्क इतना ज्यादा तगड़ा हो चुका है कि चार लोग अरेस्ट होते हैं तो 40 लोग बाहर चोरी करने के लिए घूम रहे होते हैं। गिरोह के सरगना को पुलिस को पकडऩे में अबतक सफल नहीं रही है। सिर्फ चोरों को पकड़ कर सलाखों के अंदर भेज दिया जाता है। कुछ दिनों बाद बेल पर वे लोग फिर से बाहर आ जाते हैं। लेकिन मास्टर माइंड तक पहुंचने का पुलिस प्रयास भी नहीं कर रही है। दरअसल बाइक चोरी एक-दो लोगों की वश की बात नहीं है। इसके पीछे पूरा गैंग काम करता है। बाइक की रेकी करने वाले से लेकर इसे ठिकाने लगाने वाले लोग इसमें शामिल होते हैं।

35-40 टू व्हीलर मंथली चोरी

सिर्फ राजधानी रांची से हर महीने 35 से 40 टू व्हीलर्स की चोरी होती है। इसमें रिकवरी का रेशियो 50 प्रतिशत भी नहीं है। बाइक उड़ाने वाले दो से तीन दिनों में इसे खपा देते हैं। एक लाख की गाड़ी दस से बीस हजार रुपए में बेच दी जाती है। सिटी के हर इलाके से टू व्हीलर्स की चोरी हो रही है। थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई जाती है, लेकिन यह सिर्फ एक आवेदन बनकर रह जाता है। शहर के थानों में बाइक चोरी के मामले दर्ज कराए जाते हैं। लेकिन च्यादातर मामलों में वाहन बरामदगी नहीं होती है। चोरों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि अब घर और अपार्टमेंट की पार्किंग से भी गाड़ी उड़ा ले रहे हैं।

थ्री व फोर व्हीलर्स की भी चोरी

राच्य में सबसे च्यादा धनबाद में वाहनों की चोरी होती है। इसके बाद रांची का स्थान है। धनबाद में जहां बीते चार महीने में 219 वाहनों की चोरी हुई है। वहीं रांची में 175 लोगों ने अपने वाहन चोरी मामले में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें टू, थ्री और फोर व्हीलर्स तीनों तरह की गाडिय़ां शामिल हैं। लेकिन टू व्हीलर्स की संख्या च्यादा है। एक ओर लगातार रांची पुलिस बाइक चोरों पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर चोरी की वारदात कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जब तक पुलिस किसी एक मामले का खुलासा करती है तबतक कई और चोरी हो जाती हैं।

इंटरस्टेट गिरोह एक्टिव

दूसरे राच्य और दूसरे जिलों के चोर रांची समेत अन्य स्थानों में काफी एक्टिव हैं, जिसमें बिहार, ओडि़शा और बंगाल के सबसे अधिक वाहन चोर गिरोह राजधानी में रांची में सक्रिय हैं। गिरोह के सदस्य वाहनों की चोरी कर उसे कम कीमत में बेच देते हैं। चोरी की बाइक खरीदने वाले भी या तो आपराधिक छवि वाले लोग होते हैं या फिर गांव-कस्बों में रहने वाले आम लोग। यहां तक कि नक्सलियों तक भी चोरी की गाड़ी पहुंच रही है। इसके अलावा हथियार से लेकर शराब तस्करी, कोयला, बालू आदि अवैध सामानों की तस्करी में भी चोरी के वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।