RANCHI: राजधानी के सदर हॉस्पिटल के अंडर ग्राउंड पार्किग को ग्रहण लग गया है। सालों से तैयार होने के बावजूद आजतक इसे चालू नहीं किया जा सका है। इसका खामियाजा हॉस्पिटल में आने वाले मरीज भुगत रहे हैं। एंबुलेंस को भी इमरजेंसी तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कई बार जाम की वजह से एंबुलेंस फंस जा रहे हैं। इसके बावजूद प्रबंधन कैंपस को खाली कराने में फेल साबित हो रहा है।

टेंडर के बाद भी नहीं लगी एक गाड़ी

हॉस्पिटल के बेसमेंट में 400 गाडि़यों के पार्किग की व्यवस्था है। जहां पर एक साथ कार और बाइक की पार्किग की जा सकती है। इसके संचालन को लेकर टेंडर भी कर दिया गया, लेकिन आजतक एक भी गाड़ी इस पार्किग में नहीं लगी। अब कांट्रैक्टर कैंपस में गाड़ी लगवाकर उससे वसूली कर रहा है। इसी चक्कर में एक साल का लंबा समय बीत गया, लेकिन पार्किग को प्रबंधन चालू नहीं करा सका। बेसमेंट में जाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर पाथवे बनाया गया। इसके अलावा शेड भी बनाया गया, जिससे गाडि़यां सुरक्षित अंडरग्राउंड पार्किग में जा सके।

अवैध पार्किग ने बढ़ाई परेशानी

हॉस्पिटल कैंपस में कांट्रैक्टर पार्किग से पैसे वसूल रहा है, लेकिन अवैध गाडि़यों पर न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही उनका कोई चालान काटा जा रहा है। इस वजह से पूरा कैंपस में ही गाडि़यों का जमावड़ा लगा रहता है। पुलिस के अलावा एंबुलेंस और बाहरी गाडि़यों की लंबी लाइन लगी रहती है। इतना ही नहीं कई बसों को भी लाकर कैंपस में पार्क कर दिया जा रहा है। इसके बाद लोग अपना काम करने के लिए निकल जाते हैं, वहीं काम खत्म होने के बाद गाड़ी लेकर वापस चले जाते हैं।

सुरक्षा भी भगवान भरोसे

हॉस्पिटल कैंपस में गाडि़यों की पार्किग कांट्रैक्टर करा रहा है, लेकिन गाडि़यों की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। वहीं एजेंसी के स्टाफ भी इसकी जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है। इस वजह से हॉस्पिटल के स्टाफ पार्किग में गाड़ी ही नहीं लगाते है। ऐसे में वे लोग अपनी गाड़ी सीएस आफिस में या फिर हॉस्पिटल के अंदर ही लगा देते हैं, जिससे कि उनकी गाडि़यां कम से कम सुरक्षित रहे। गाड़ी अंदर लगाने से इलाज करा रहे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पार्किग के संचालन को लेकर फिर से टेंडर किया गया है। पिछली बार जो टेंडर हुआ था उसका पीरियड खत्म हो गया है। अब टेंडर होने के बाद अंडरग्राउंड पार्किग को चालू कर दिया जाएगा। इसमें 2-3 महीने लग सकते हैं। इस बार कोई भी गाड़ी बाहर नहीं लगेगी। जरूरत पड़ने पर ही गाडि़यों के पार्किग पर छूट होगी।

-डॉ एस मंडल, डीएस, सदर