RANCHI : चार जनवरी से शुरु होने वाले देशव्यापी स्वच्छता सर्वे में झारखंड को अव्वल स्थान दिलाने की खातिर नगर विकास विभाग रेस हो चुकी है। इस सिलसिले में गुरुवार को स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी सुडा के डायरेक्टर अमित कुमार ने राज्य के सभी 41 नगर निकायों के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभी से ही स्वच्छता सर्वे की तैयारियों में जुट जाने को कहा। उन्होंने स्वच्छता सर्वे में कैसे बेहतर रैंक हासिल की जा सकती है, इस बाबत कई दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि 2018 के स्वच्छता सर्वे में झारखंड टॉप पर रहा था।

4 जनवरी से सर्वे

चार जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो रहा है। इसके लिए जरूरी है कि नगर निकायों में साफ -सफ ाई से जुड़ी बुनियादी उपाय किए जाएं और लोगों को भी जागरूक किया जाए। इस दिशा में विभिन्न माध्यमों से नगर निकायों में प्रचार-प्रसार भी शुरू हो चुका है। डंपिंग यार्ड पर कचरा का दबाव कम करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा सभी नगर निकाय को एक नंबर जारी करने को कहा गया है ताकि आम लोग इसे लेकर संपर्क साध सकें।

शहरी स्वच्छता सर्वे में अव्वल था झारखंड

स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में झारखंड को शहरी स्वच्छता में देश में अव्वल स्थान प्राप्त हुआ था। सरकार के सामने अब यह चुनौती है की पुराने रैंकिंग को बरकरार रखते हुए अपने सभी शहरों के रैंकिंग में भी सुधार किया जाए, इसके तहत स्वच्छ भारत मिशन झारखंड के निदेशक अमित कुमार ने सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को कई टास्क दिए हैं।

निकायों को उठाना है ये कदम

-शत प्रतिशत डोर टू डोर कचरा का उठाव प्रतिदिन सुनिश्चित हो

- सूखा और गीला कचरा के अलग-अलग उठाव की हो व्यवस्था

-वेस्ट यूटिलाइजेशन मैनेजमेंट का लॉग बुक तैयार किया जाए

-सूखा कचरा को सीधे कबाड़ी वालों को हैंड ओवर किया जाए

-गीला कचरा का अलग-अलग जगहों पर कंपोस्टिंग किया जाए

-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के कचरे के डिस्पोजल के लिए वहीं प्लांट हो

-स्वच्छता एप्प डाउनलोड करें और उसमें लोगों की फीड बैक ली जाए

-नगर निकाय किए जा रहे कायरें का डॉक्यूमेंटशन तैयार हो