रांची : राज्य में 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत 14 मई से होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को वैक्सीनेशन के लिए कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है, राज्य सरकार मुफ्त वैक्सीनेशन का कार्य कर रही है। 14 मई से जैसे-जैसे वैक्सीन की उपलब्धता होगी, लोगों को हम वैक्सीन देने में सक्षम होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के प्रति कोई भ्रम अथवा असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है, यह संदेश लोगों के बीच अधिक से अधिक प्रेषित करें। हम सभी के जीवन की सुरक्षा कवच के रूप में वैक्सीन अहम होगी।

चिंता की घड़ी

इसके पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवासीय कार्यालय से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर संताल परगना प्रमंडल एवं पलामू प्रमंडल के सांसदों/विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से विचार-विमर्श किया। सभी के विचार एवं सुझाव से अवगत होने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह चिंता की घड़ी है। सभी लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हमारे लिए चुनौती अधिक है क्योंकि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है। यहां के 70 फीसद लोग ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं और इनका जीवन खेती-बाड़ी अथवा मजदूरी से चलता है।

कई महत्वपूर्ण सुझाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में हम सभी लोगों ने मिलकर संक्रमण के नियंत्रण और प्रसार को रोकने का काम किया था। हम ठीक से खड़े भी नहीं हो पाए थे और संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। सीएम ने कहा, आप सभी ने तीसरी लहर को लेकर ¨चता जताई है और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके विचार एवं सुझाव के अनुरूप ही राज्य सरकार तीसरी लहर से निपटने की कार्ययोजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने पड़ोसी राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल आदि की अपेक्षा कोरोना संक्रमण को लेकर बेहतर काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच अच्छे कार्य करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइनवर्कर धन्यवाद के पात्र हैं। मैं उनको नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कई पदाधिकारी संक्रमित मरीजों की जान बचाते-बचाते अपनी जान गवां चुके हैं उन्हें भी मेरा शत-शत नमन।

ऑक्सीजन युक्त बेड पर फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में जीवन रक्षक दवाओें से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। जहां शुरुआती दौर में राज्य में मात्र 250 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे, आज हम राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 10,000 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था कर सके हैं। ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर अफरा-तफरी के माहौल से हमें निकालने का काम किया है।

कोविड सर्किट का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड सर्किट एवं संजीवनी वाहन का शुभारंभ किया गया है। एक सप्ताह के अंदर 800 मरीजों को कोविड सर्किट के तहत आसपास के कोरिडोर वाले अस्पताल में चिकित्सा उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संजीवनी वाहन द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। राज्य के कई जिलों में ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए जा रहे हैं।

ऑक्सीजन रेगुलेटर की उपलब्धता

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी ने ऑक्सीजन फ्लोमीटर (रेगुलेटर) की उपलब्धता के लिए सुझाव दिए हैं। मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद रेगुलेटर की कमी होने के कारण इलाज में बाधा पहुंच रही है। राज्य सरकार द्वारा रेगुलेटर की उपलब्धता के लिए इंडो-डेनिश टूल रूम के साथ समन्वय बनाकर तथा राज्य के कई निजी कंपनियों के सहयोग से रेगुलेटर का मॉडल तैयार करने पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही हम अपने राज्य में ही रेगुलेटर तैयार करने में सक्षम हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोजल पाइप की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर हम लगातार प्रयासरत हैं। एक सप्ताह के अंदर नोजल पाइप की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी।