रांची : राज्य में 45 से अधिक आयु के नागरिकों के टीकाकरण की रफ्तार बढ़ानी होगी। वर्तमान में इस आयु वर्ग के नागरिकों का टीकाकरण काफी सुस्त चल रहा है। स्थिति यह है कि अभी तक इस आयु वर्ग के लोगों में महज 27 फीसद को ही पहली डोज का टीका लग पाया है। इनका टीका लगना जरूरी इसलिए है क्योंकि इनमें कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। संक्रमण के बाद होनेवाला जान का खतरा भी इस आयु वर्ग के लोगों में अधिक है।

वैक्सीन की कमी

टीकाकरण की बात करें तो 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के सुस्त टीकाकरण का बड़ा कारण वैक्सीन की अनुपलब्धता है। यह संभावना जताई जा रही है कि कम से कम इस माह इनके टीकाकरण की गति इसी तरह रहेगी। इस पखवाड़े के लिए केंद्र सरकार ने कोविशील्ड के 3,86,340 तथा कोवैक्सीन के 69,000 डोज उपलब्ध कराए हैं। इस तरह 16 से 31 मई के लिए राज्य को 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण हेतु 4,55,340 डोज वैक्सीन ही मिली है। इनमें 70 फीसद वैक्सीन दूसरी डोज के रूप में लोगों को लगनी है। कुल उपलब्ध कराई गई वैक्सीन में 30 फीसद अर्थात 136,602 वैक्सीन ही पहली डोज में लग पाएगी। इस तरह, प्रत्येक दन लगभग नौ हजार लोगों का ही पहली डोज का टीका लग सकेगा। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन की खपत तथा टीकाकरण करानेवाली आबादी के लोड के आधार पर 15 दिनों के लिए यह आवंटन किया गया है।

18 प्लस का असर

इधर, 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण शुरू होने से भी 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण प्रभावित हुआ है। पहले दिन की ही बात करें तो भले ही 18 से 44 वर्ष के नागरिकों में 37,682 लोगों को पहली डोज का टीका लगा हो, लेकिन 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में महज 6,605 को ही यह टीका लग सका। वहीं, दूसरी डोज में भी 8,427 को ही टीका लग सका। यह स्थिति तब है जब अधिसंख्य जिलों में दोनों श्रेणी के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं।

सात जिलों में ज्याद कमी

राज्य में जहां 45 वर्ष से अधिक आयु की 27 फीसद आबादी को ही अभी तक पहली डोज का टीका लगा है, वहीं सात जिले ऐसे हैं जहां एक चौथाई से भी कम ऐसे नागरिकों को पहली डोज लग पाई है। इस आयु वर्ग के लोगों का पहली डोज का टीकाकरण सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम में 38 फीसद हुआ है। इसके बाद खूंटी में 36 फीसद टीकाकरण हुआ है।

इन जिलों में सबसे कम वैक्सीनेशन

(45 प्लस)

साहिबगंज : 12 परसेंट

देवघर : 18 परसेंट

गोड्डा : 20 परसेंट

गढ़वा : 21 परसेंट

गिरिडीह : 23 परसेंट

पाकुड़ : 23 परसेंट

लातेहार : 24 परसेंट

कोरोना से बचने का सबसे बड़ा सुरक्षा कवज टीकाकरण ही है। अब तो यह प्रमाणित हो गया है कि दोनों डोज का टीका लेने के बाद संक्रमण नहीं के बराबर हुआ है। यदि कुछ लोगों में संक्रमण हुआ भी है तो जान का कोई खतरा नहीं हुआ है। इसे सभी लोगों को समझते हुए टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए।

डा। बी। मरांडी, वरिष्ठ चिकित्सक सह पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं।

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