रांची(ब्यूरो)। वेलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी को रोज डे के साथ हो गई। हजारों की संख्या में कपल्स ने एक-दूसरे को गुलाब देकर रोज डे सेलिब्रेट किया। लेकिन, इस दौरान एक-दूसरे को भेंट किए गए 90 परसेंट गुलाब में नेचुरल खुशबू नहीं रही। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कहां गायब हो गई गुलाबों की खुशबू? जबकि गुलाब का प्रमुख गुण इसकी खूशबू ही है। बता दें कि रोज डे के साथ शुरू हुआ वेलेंटाइन वीक 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के साथ संपन्न होगा। इस दौरान प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे और फिर 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे भी सेलिब्रेट किया जाएगा।

कप पड़ा गुलाब का स्टॉक

रोज डे के अवसर पर लाल गुलाब का भाव बढ़ा हुआ रहा। आम दिनों में दस से बीस रुपए में बिकने वाला गुलाब बुधवार को 50 रुपए प्रति पीस तक बेचा गया। कई फूल विक्रेताओं ने बताया कि रोज डे में होने वाली डिमांड को देखते हुए एक्स्ट्रा स्टॉक मंगाया गया था, फिर भी डिमांड ज्यादा होना से स्टॉक शॉर्ट पड़ गया। सिंगल फूल के अलावा गुलाब की बुकें भी काफी डिमांड में रहीं।

इन राज्यों से मंगाया गुलाब

रांची में गुलाब के फूल बंगाल, बेंगलुरु, पंजाब समेत अन्य राज्यों से मंगाया गया। राजधानी रांची के कुछ इलाकों में भी गुलाब की खेती होने लगी है, लेकिन वेलेंटाइन वीक की डिमांड को देखते हुए रांची के गुलाब पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में बाहर से भी गुलाब मंगाना पड़ा।

डच व देशी गुलाब की हेवी डिमांड

रांची में बंगाल का देशी गुलाब और बेंगलुरु के डच रोज की खपत ज्यादा है। सामान्य दिनों में भी इनकी मांग रहती है। इसके अलावा शादी-विवाह के मौके पर भी इनकी मांग और ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं, वेलेंटाइन वीक के हर दिन गुलाब फूल की अच्छी-खासी बिक्री हो जाती है। कपल्स एक दूजे को गुलाब फूल देकर प्यार का इजहार करते हैं। वेलेंटाइन वीक का चलन अब घर-घर तक पहुंच चुका है। मैरेड कपल्स भी इस वीक को काफी मेमोरेबल तरीके से सेलिब्रेट करने लगे हैं। वेलेंटाइन डे को सिर्फ कपल्स ही नहीं, बल्कि दूसरे लोग भी सेलिब्रेट करने लगे हैं। किसी दोस्त या किसी से गिले-शिकवे मिटाने के लिए भी यह खास अवसर होता है।

डिमांड में आर्टिफिशियल मार्केट

गुलाब का आर्टिफिशियल मार्केट भी डिमांड में है। आर्टिफिशियल गुलाब की कीमत 20 से 35 रुपए प्रति पीस है। वहीं बुके में सात, आठ, नौ से लेकर 200 पीस तक फूल लगते हैं। इनकी कीमत 200 से 500 रुपए के बीच है। इसके अलावा आर्डर पर भी बुके तैयार किए जा रहे हैं। गिफ्ट शॉप पर 100 से लेकर 5000 रुपए तक के गुलाब फूल के बुके बनाए जाते हैं। इसकी खुशबू भी आर्टिफिशियल होती है। नेचुरल और आर्टिफिशियल फूल दोनों की डिमांड है। इसका कारोबार भी बढ़ा है। लोग अच्छी-खासी आमदनी फूल के बिजनेस से जुड़कर कर रहे हैं।

क्यों गायब हुई गुलाब की खुशबू

बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रो अजय कुमार ने बताया कि रासायनिक यौगिकों की वजह से फूलों मेें खुशबू आती है। गुलाब के फूल में जेरनायल एसीटेट नामक रासायनिक यौगिक होता है, जो प्राकृतिक रूप से ही गुलाब के फूलों में पाया जाता है। इससे यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन इन दिनों ज्यादा पैसा कमाने के लालच में किसान भी अलग-अलग केमिकल का इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे फूलों की क्वालिटी और सुगंध पर असर पड़ा है। वहीं, फूल विक्रेता अनिल महली ने बताया कि बंगाल से ज्यादा फूल रांची मंगाया जाता है। इसमें खुशबू नहीं होती है। इस फूल का इस्तेमाल डेकोरेशन आदि में किया जाता है। इसके अलावा दूसरे सभी गुलाबों में खुशबू होती ही है।

नेचुरल तरीके से ही फूलों की खेती करनी चाहिए। खाद के लिए गोबर और केला एवं केले का छिलका सबसे उत्तम होता है। केमिकल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

-अजय कुमार, रिटायर्ड प्रोफेसर, बीएयू, रांची