रांची(ब्यूरो)। वैट घटाए सरकार, वरना पड़ोसी राज्यों से खरीदेंगे पेट्रोल-डीजल। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। वहीं, पड़ोसी राज्यों का रेवेन्यू ग्रोथ होगा। ये बातें दैनिक जागरण वेबिनार में खुलकर सामने आईं, जिसमें बस, ट्रक ओनर्स एसोसिएशन से लेकर झारखंड चैंबर के प्रतिनिधियों ने अपनी विचार रखे। बता दें कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ रही कीमतों पर केन्द्र सरकार ने थोड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार द्वारा राहत देने के बाद पड़ोसी राज्य बिहार सहित दर्जनभर से अधिक राज्यों ने भी अपनी ओर से राहत का ऐलान किया है। मगर, झारखंड सरकार ने इस दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया है। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद झारखंड में पेट्रोल के दाम में 6.15 रुपये और डीजल में 12.23 रुपये की कमी हुई है। इसके बाद अब राज्य सरकार को चाहिए कि वैट घटाकर व्यवसायियों को राहत दे। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो रेवेन्यू का नुकसान होना तय है। पेश हैं शहर के प्रमुख लोगों के विचार।
दूसरे राज्यों का बढ़ेगा रेवेन्यू
केंद्र सरकार ने टैक्स घटाने का निर्णय लिया है, इससे सभी लोग खुश हैं। लेकिन झारखंड में इसका बहुत अधिक असर नहीं पड़ा है, सरकार को टैक्स घटाने की जरूरत है। अगर सरकार टैक्स नहीं घटाती है तो झारखंड के ट्रांसपोर्टर पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल और डीजल खरीदेंगे। इससे उन राज्यों का रेवेन्यू बढ़ेगा और झारखंड को राजस्व का नुकसान होगा। बहुत सारे लोग जो दूसरे राज्यों के बॉर्डर के आसपास रहते हैं, वो दूसरे राज्यों से ही पेट्रोल और डीजल भरवाएंगे, जिसका सीधा नुकसान राज्य सरकार को होगा।
-किशोर मंत्री, झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन

टैक्स नहीं घटाने से भी नुकसान
राज्य सरकार अगर पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम नहीं करती है तो इसका नुकसान सरकार को ही उठाना पड़ेगा। झारखंड से जितनी भी गाडिय़ां माल लेकर दूसरे राज्य में जाती हैं वो वहीं से पेट्रोल और डीजल भरवाएंगी। झारखंड से सिर्फ बॉर्डर पास करने के लिए 10 लीटर लेकर जाएंगे और पूरी टंकी बिहार और यूपी जैसे राज्यों में भराकर झारखंड आएंगे। सरकार को टैक्स नहीं घटाने पर भी नुकसान उठाना होगा।
सुनील सिंह चौहान, प्रवक्ता, रांची गुड्स ट्रक एसोसिएशन

बिजनेस पर पड़ेगा असर
राज्य सरकार को व्यवसायियों के बारे में भी सोचने की जरूरत है। जब दूसरे राज टैक्स घटाकर वहां पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर रहे हैं तो झारखंड सरकार क्यों नहीं कर सकती। खासकर अभी जब किसानों की खेती-बारी का समय है, उनको डीजल की अधिक खपत होगी। अगर सरकार डीजल पेट्रोल पर टैक्स कम कर देती है तो इसका फायदा व्यवसायियों के साथ-साथ किसानों को भी मिलेगा।
-आनंद गोयल, सदस्य, एफजेसीसीआई

कई राज्यों ने कम किया टैक्स
उत्तर प्रदेश ने पेट्रोल पर वैट सात रुपये और डीजल पर दो रुपये घटाया है। यूपी में पेट्रोल डीजल 12 रुपये प्रति लीटर सस्ते हुए हैं। उत्तराखंड ने पेट्रोल पर वसूले जा रहे वैट में दो रुपये की कटौती की है। मध्य प्रदेश सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट में चार फीसद की कटौती करने का फैसला किया है। बिहार सरकार की ओर से भी वैट की दरों में कमी किए जाने का फैसला लिया गया है। यहा डीजल में 3.90 रुपए एवं पेट्रोल में 3.20 रुपए प्रति लीटर की अतिरिक्त राहत देने का निर्णय लिया गया है। हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल 12 रुपये और डीजल 17 रुपये प्रतिलीटर सस्ता होगा। गुजरात में भी डीजल पर 4.32 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 5.65 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कटौती हुई। वैट में कटौती के कारण पुडुचेरी में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में प्रति लीटर सात रुपये की अतिरिक्त कमी हुई। गोवा में डीजल पर 4.38 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 5.47 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कटौती हुई।

पेट्रोल-डीजल पर राज्य में टैक्स
बता दें कि झारखंड में पेट्रोल पर 22 प्रतिशत या 17 रुपये प्रति लीटर दोनों में से जो अधिक हो, वैट के रूप में वसूला जाता है। वहीं, एक रुपये प्रति लीटर सेस लिया जाता है। इधर, डीजल पर 22 प्रतिशत या 12.50 रुपये दोनों में से जो अधिक हो, वैट के मद में लिया जाता है। डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर का सेस लिया जाता है। झारखंड में वर्तमान में प्रतिशत पर ही वैट लिया जा रहा है। झारखंड में देश के अन्य राज्यों से वैट की दरें कम बताई जाती हैं। झारखंड में यह 22 प्रतिशत है, जबकि देश के विभिन्न राज्यों में यह दर 25-30 प्रतिशत तक रही है।
केंद्र ने कम किया है टैक्स
केंद्र सरकार पहले पेट्रोल और डीजल पर 34 रुपये टैक्स लेती थी। अभी केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कमी की है। इसके बाद भी केंद्र पेट्रोल पर 29 रुपये और डीजल पर 24 रुपये टैक्स ले रही है