- भैरव सिंह ने दाखिल की है जनहित याचिका

रांची: झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज के लिए कक्ष आवंटित करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहां विधानसभा में इसको लेकर भाजपा विरोध जता रही है तो वहीं दूसरी ओर यह मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन के काफिले के आरोपित प्रार्थी भैरव सिंह की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर विधानसभा स्पीकर के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। उनकी ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि विधानसभा परिसर में किसी धर्म विशेष के लिए कक्ष आवंटित करना विधानसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके पीछे 42वें संविधान संशोधन का हवाला दिया गया है।

धर्मनिरपेक्षता का मामला

अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि संविधान में हुए संशोधन के दौरान जब धर्मनिरपेक्षता का मामला जोड़ा गया तो उसके बाद से राज्य सरकार न तो किसी धर्म को बढ़ाने के लिए कोई कार्य कर सकती है और न ही उसे संरक्षित करने के लिए कुछ कर सकती है। विधानसभा भवन को जनता के पैसों से बनाया है ऐसे में स्पीकर की ओर से वहां किसी धर्म विशेष के लिए कक्ष आवंटित करना गलत और असंवैधानिक है। उनकी ओर से विधानसभा परिसर में नमाज के लिए कक्ष आवंटित करने से संबंधित आदेश को निरस्त करने की मांग अदालत से की गई है। बता दें कि झारखंड विधानसभा के स्पीकर र¨वद्र नाथ महतो ने सत्र के दौरान मुस्लिम विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए एक कक्ष आवंटित किया है जिसको लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है। विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेर रही है।