रांची: राज्य सरकार ने दुमका के मलूटी स्थित मंदिरों के विकास के लिए नये सिरे से पहल करने की योजना बनायी है। मंदिरों का गांव कहे जाने वाले मलूटी के मंदिरों के लिए जिला प्रशासन से डीपीआर की मांग की गयी है। पयर्टन सचिव अमिताभ कौशल ने गुरुवार को मलूटी और मसानजोर डैम का दौरा किया। स्थानीय लोगों से बात की। इसके बाद डीसी रविशंकर शुक्ला सहित अन्य अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिए। कहा कि जल्द ही मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बेहतर तरीके से डीपीआर बनाकर उन्हें भेजें। इसके बाद पर्यटन विभाग के स्तर से इस संबंध में यथाशीघ्र आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

108 में बचे सिर्फ 72 मंदिर

अमिताभ कौशल रविशंकर शुक्ला के साथ मलूटी गए। वहां के मुख्य मंदिर मां मौलिक्षा के दरबार में ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें बताया गया कि पूर्व में इस गांव में 108 मंदिर थे लेकिन समय के साथ मंदिरों का उचित देखरेख नहीं किये जाने की वजह से 36 मंदिर ध्वस्त हो गए। बावजूद इसके अभी भी गांव में 72 मंदिर बचे हैं।

टेरोकोटा शैली का आकर्षण

रविशंकर शुक्ला ने बताया कि मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा था जो फिलहाल बंद है। अधिकतर मंदिर टेराकोटा शैली से आकर्षक कलाकृतियों के अनुसार बने हैं जो मंदिरों को खास बनाती हैं। मंदिरों की कलाकृति के साथ साथ सभी मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य किये जाने की योजना है।

मसानजोर डैम पर भी फोकस

मसानजोर डैम को भी और बेहतर तरीके से विकसित किये जाने पर चर्चा हुई। डैम में पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। कहा कि आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए यहां सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा जिससे पर्यटकों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो। इसे ध्यान में रखते हुए इसे और विकसित किया जायेगा। साथ ही सचिव ने डीसी के साथ पर्यटन विभाग के मयूराक्षी रिसोर्ट का भी निरीक्षण किया। रिसोर्ट में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली।