रांची(ब्यूरो)। एच3एन2 का खतरा बढऩे के बाद राजधानी रांची में भी इसे लेकर एहतियात बरता जा रहा है। राज्य सरकार ने इसे लेकर जहां एक ओर गाइडलाइन जारी कर दी है, वहीं डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्टे्रशन की ओर से बैठकों का दौर चल रहा है। डीसी भी अपने लेवल पर इनफ्लुएंजा से सावधानी बरतने को लेकर मीटिंग कर रहे हैं। वहीं रिम्स मैनेजमेंट भी इसे लेकर गंभीर है। इधर रिम्स में मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। ओपीडी से लेकर मेडिसीन वार्ड में मरीजों की अच्छी-खासी संख्या देखी जा रही है। मेडिसीन वार्ड में बेड फुल होने के बाद मरीजों को डेंगू वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। इसके बाद भी ट्रामा सेंटर में करीब 20 बेड अतिरिक्त बढ़ाने की तैयारी चल रही है।

रजिस्ट्रेशन काउंटर भी भीड़

रिम्स के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी मरीज और उनके परिजनों की भी भीड़ दिखी। ज्यादातर पेशेंट्स वायरल फीवर की शिकायत लेकर रिम्स आए थे। बुधवार को पर्चा कटवाने में भी मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। जिस कारण डॉक्टर से दिखाने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लग गई। मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण दोपहर बाद भी डॉक्टर मरीज का इलाज करते रहे।

कोरोना के बाद एच3एन2 का खतरा

कोविड के बाद अब एच3एन2 वायरस इनफ्लुएंजा के रूप में पांव पसार रहा है। रांची समेत पूरा स्टेट इसकी चपेट में आ सकता है। हालांकि झारखंड में अबतक एक भी मरीज में एच3एन2 की पुष्टि नहीं हुई है। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि अबतक ऐसे लक्षण वाले मरीजों की सैंपलिंग भी शुरू नहीं हो पाई है। इनफ्लुएंजा की जांच का कोई मैकेनिज्म रिम्स के पास नहीं है। यही कारण है कि सर्दी-खांसी वाले मरीज का सामान्य इलाज चल रहा है, जबकि मामूली सर्दी-खांसी में भी लापरवाही बरतना मुसीबत खड़ी कर सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, एच3एन2 के मरीजों का लक्षण भी साधारण सर्दी, खांसी है। लोग इसे वायरल फीवर समझ बैठते हैं। इन दिनों रिम्स में वायरल फीवर वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। आलम यह है कि मेडिसीन वार्ड के अलावा डेंगू वार्ड में भी मरीजों का रखा जा रहा है। वहीं ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिन्हें मामूली सर्दी खांसी है उन्हें दवा देकर डॉक्टर आराम करने की सलाह दे रहे हैं और गंभीर परिस्थिति में एडमिट किया जा रहा है।