रांची: राजधानी के जिन इलाकों में लोगों के घरों तक सप्लाई पानी नहीं पहुंच रहा है उनके घर भी जल्द ही पीने का शुद्ध पानी पहुंचने लगेगा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा लोगों के घरों तक सप्लाई करने के लिए पानी की टेस्टिंग हो रही है। जी हां, रुक्का में जेएनआरयूएम योजना के तहत नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है, जिसे जल्द ही चालू करने की प्रक्रिया चल रही है। रुक्का में बने नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर के कई छूटे हुए व नई आबादी को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। कम से कम 3 लाख आबादी को सीधा फायदा होगा। इसके तहत रुक्का से निकलने वाली राइजिंग पाइपलाइन का काम पूरा हो गया है।

जल्द पानी पहुंचना हो जाएगा शुरू

रुक्का डैम से डीबडीह, हरमू चापू टोली, कटहल मोड़, सेक्टर टू, पिस्का मोड़ और हरमू पुरानी पानी टंकी में पानी पहुंचना शुरू हो जाएगा। इससे जुड़े डीबडीह, हरमू, ललगुटवा, पिस्का मोड़, धुर्वा सेक्टर टू की कम से कम 3 लाख आबादी को वॉटर सप्लाई होगी। इन क्षेत्रों में से पिस्का मोड़ इलाके में काफी कम पानी की आपूर्ति होती है। जबकि, हरमू एरिया के बड़े क्षेत्र में सप्लाई नदारद रहती है। विद्यानगर इलाके में वाटर सप्लाई है ही नहीं। ललगुटवा इलाके में अभी वाटर सप्लाई की व्यवस्था नहीं है। इसमें डीबडीह, सेक्टर टू, कटहल मोड़ इलाके में नई जलमीनार का निर्माण हुआ है। हटिया व तुपुदाना एरिया को भी रुक्का के नए प्लांट से जोड़ना है।

10 साल पहले शुरू हुई योजना

वर्ष 2008-09 में केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) रांची शहरी जलापूर्ति विस्तार योजना को मंजूरी दी। इस कार्य को मार्च 2010 में शुरू कर दिया गया। यह पूरी योजना 288 करोड़ की थी, लेकिन विलंब होने से यह 373 करोड़ तक पहुंच गई। एक एजेंसी आईवीआरसीएल को कार्य में देरी के कारण हटा दिया गया। इसके बाद एलएंडटी को बाकी कार्य का जिम्मा दिया गया।

इन इलाकों को मिलेगा पानी

इस योजना के शुरू होने के बाद रांची के रिंग रोड व आसपास बसी नई आबादी समेत शहर में मीसिंग एरिया कांके रिंग रोड, ललगुटवा, पुंदाग, रामपुर, हटिया, तुपुदाना, हटिया, कुसई, डीबडीह, अपर बाजार, रानी बगान, टाटीसिल्वे, अरगोड़ा, हरमू, सिंह मोड़, अमरावती कॉलोनी, अपर हटिया, नीचे हटिया, पटेल नगर, नायक मुहल्ला, हेसाग, लटमा, बास्को नगर व आसपास के क्षेत्र को पाइपलाइन जलापूर्ति योजना से जोड़ना है।

रांची शहरी जलापूर्ति का हाल

जेएनयूआरएम के तहत रांची शहरी जलापूर्ति फेज-1 के अंतर्गत रुक्का डैम में 110 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाना था। यहीं पर इंटेक वेल भी बनाया जाना था। साथ ही साथ हटिया, डोरंडा के 56 सेट, ललगुटवा, पुंदाग, अरगोड़ा समेत छह जगहों पर पीने के पानी का ओवरहेड टैंक बनाया जाना था। 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक पाइपलाइन भी बिछाई जानी थी। ललगुटवा में अब तक ओवरहेड टैंक नहीं बन पाया है। इसके अलावा इंटेकवेल का काम भी अब तक लटका हुआ है। पहले से रांची शहर में 21 से अधिक जलमिनार के जरिए 30 मिलियन गैलन प्रतिदिन पानी की आपूर्ति नगर निगम क्षेत्र के 80 फीसदी हिस्से में की जा रही है।

60 के दशक में बने हैं जलाशय

राज्य सरकार 60 के दशक में अधिकतर जलाशय बनाई है। इसमें राजधानी के हटिया, गोंदा और रुक्का डैम शामिल हैं। इन तीनों जलाशयों का निर्माण उस समय 50 हजार से एक लाख की आबादी की जरूरत को देखते हुए किया गया था। रुक्का डैम के पानी का उपयोग सिकिदरी हाईडल बिजली प्रोजेक्ट के लिए भी किया जाता है। अब राजधानी रांची की शहरी आबादी 13 लाख से ज्यादा है। अब भी पुराने डैमों के भरोसे सभी गली-मोहल्लों में पाइपलाइन बिछाई जा रही है। सरकार के पास पुराने जलाशयों के जीर्णोद्धार और डैम के कैचमेंट एरिया से एन्क्रोचमेंट हटाने की कोई योजना नहीं है।