रांची(ब्यूरो)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र की दूसरी आजादी कही जा सकती है। साथ ही यह मैकाले की शिक्षा नीति से निजात पाने का अवसर भी है। ये बातें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय पदाधिकारी सुरेश गुप्त (नई दिल्ली) ने कहीं। वह शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास झारखंड के तत्वावधान में एमिटी यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों एवं शिक्षाविदों की बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कोयलांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न्यास के राष्ट्रीय पदाधिकारी सुरेश गुप्त ने अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु सभी शैक्षणिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों को पहल करने का आग्रह किया। उन्होंने झारखंड सरकार एवं महामहिम राज्यपाल से एक टास्कफोर्स के गठन की मांग करते हुए इसमें सभी सरकारी, गैरसरकारी एवं शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों को समाहित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि न्यास एवं देश के प्रबुद्ध लोगों के प्रयास से यह शिक्षा नीति आयी है।

बच्चों का संपूर्ण विकास

उन्होंने इसे बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आवश्यक कदम बताते हुए भारत सरकार की सराहना की तथा राजनीति से ऊपर उठकर इसे यथाशीघ्र लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत सरकार एवं कई राज्य सरकारों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। बैठक में एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमण झा, सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विजय कुमार सिंह, झारखंड राय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सविता सेंगर, रामचन्द्र चन्द्रवंशी विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ सत्येंद्र शर्मा, एनओआईएस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ राजीव कुमार, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सुशील शुक्ला, उषा मार्टिन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल मिश्रा, एमिटी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ प्रभाकर त्रिपाठी, सरला बिरला विश्वविद्यालय के प्रो। एसबी डान्डीन, अमिटि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ अजीत पाण्डेय एवं झारखंड रॉय विश्वविद्यालय के डॉ पियुष रंजन सहित कई शिक्षाविदों ने अपने-अपने विचार रखें तथा अपने संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।

सभी संस्थानों से लागू करने का आह्वान

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अंजनी श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु सभी संस्थानों को आगे आने के लिए आह्वान किया तथा इसे भारत की दूसरी आजादी कहा। उन्होंने सरकार के साथ-साथ संस्थानों के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन न्यास के संयोजक अमरकांत झा ने किया, जबकि विषय प्रवेश सहसंयोजक महेन्द्र सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो विजय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर दुमका विश्वविद्यालय से डॉ कलानन्द ठाकुर, प्राचार्य डॉ ललन सिंह, अशोक यादव, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि सहित कई शिक्षाविद उपस्थित थे।