रांची: राजधानी रांची में एक बिल्डर ने अपार्टमेंट में रहने वालों का जीना मुहाल कर दिया है। बिल्डर ने अपार्टमेंट के 35 फ्लैट्स का कॉमन बिजली कनेक्शन ही काट दिया है। कॉमन एरिया की बिजली काटे जाने से फ्लैट्स में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। ऐसे में फ्लैट मालिकों ने बरियातू थाने में आवेदन देकर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लेकिन थाने में अधिकारियों ने कंप्लेन दर्ज करने के बजाय उन्हें बैरंग लौटा दिया। अब फ्लैट ओनर्स एसएसपी से मिलने की तैयारी कर रहे हैं ताकि उनकी गुहार सुनी जा सके।

क्या है मामला

राजधानी के एदलहातू इलाके में सोन गौरी धनेश अपार्टमेंट के बिल्डर शंकर दुबे ने 35 लोगों को फ्लैट्स बेचे। कुछ लोग यहां दो साल से हैं, तो कुछ हाल ही में शिफ्ट हुए हैं। इस बीच बिल्डर ने अपार्टमेंट के पीछे की जमीन के ओनर का रास्ता अपार्टमेंट कैंपस में खोल दिया है। इसे लेकर विवाद हुआ और फिर मारपीट के बाद मामला कोर्ट पहुंच गया। कांप्रोमाइज के बाद मामला शांत हो गया था। इस बीच केस रि-ओपन हो गया। जब मामले की सुनवाई के लिए बिल्डर और फ्लैट मालिकों को बुलाया गया तो फ्लैट मालिकों ने मारपीट में घायल व्यक्ति से बात करने को कहा। यह मामला अभी सुलझा भी नहीं कि बिल्डर ने 35 फ्लैट्स के लिए कॉमन बिजली का कनेक्शन ही काट दिया, जिससे इन फ्लैट्स में पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है। लिफ्ट भी काम नहीं कर रही है।

रेरा में की गई कंप्लेन

बिल्डर ने फ्लैट ओनर्स को पजेशन सर्टिफिकेट भी नहीं दिया। अपार्टमेंट में दी जाने वाली सुविधाएं भी बिल्डर ने उपलब्ध नहीं कराई है। फिर भी फ्लैट ओनर्स कांप्रोमाइज करने को तैयार थे। इस बीच ओनर्स ने कॉमन रास्ते को बंद करने की मांग करते हुए रेरा में कंप्लेन दर्ज कराई। ओनर्स द्वारा की गई इस कंप्लेन के बाद से ही बिल्डर लोगों को परेशान कर रहा है।

चंदा कर जेनरेटर से चढ़ा रहे पानी

अपार्टमेंट में रहने वाले 35 ओनर कॉमन एरिया की बिजली काटे जाने से परेशान हो गए। अब हर फ्लैट से एक हजार रुपए चंदा लेकर टंकी में पानी चढ़ा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गो और बीमारों को झेलनी पड़ रही है। लिफ्ट बंद रहने के कारण उन्हें आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

7 लाख का बिल थमाया फ्लैट ओनर्स को

बिल्डर ने फ्लैट ओनर्स को 7 लाख रुपए का बिजली बिल थमा दिया है। फ्लैट्स में रहनेवाले लोगों का कहना है कि एक ब्लॉक के महीने का बिजली बिल 1200 रुपए के आसपास होता है। इस आधार पर पांच ब्लॉक के लिए 6-7 हजार रुपए का बिल आता है। ओनर्स का कहना है कि अगर 6000 रुपए भी मान लें तो दो साल में डेढ़ लाख से ज्यादा का बिल नहीं आएगा। इधर बिल्डर ने कंस्ट्रक्शन, गेट ग्रिल, मार्बल के अलावा अपने सभी काम इसी कॉमन एरिया के बिजली कनेक्शन से कराया और उसका बिजली बिल भी उन्हीं पर थोप दिया है।

क्या कहता है बिल्डर

बिल्डर का इस मामले में कहना है कि कॉमन एरिया का बिल सोसायटी का होता है। इसलिए उन्हें बिजली का बिल भरना होगा। बाकी जो फ्लैट्स खाली हैं उसका बिल मैं भर दूंगा। अगर वे चाहें तो इसकी जांच विभाग से करा सकते हैं। इससे साफ हो जाएगा कि बिल कितना एवरेज आएगा। जहां तक रास्ते की बात है तो उसका भी समाधान निकाल लिया गया है। जल्द ही उस रास्ते को बंद कर दिया जाएगा। फ्लैट के ओनर्स को परेशानी थी, तो मुझसे बात करनी चाहिए थी लेकिन वे थाना और रेरा में जा रहे हैं।