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पहल- सीएन हेमंत सोरेन और मंत्री चंपाई सोरेन के प्रयास पर मुक्त कराई गई आदिवासी युवती

--आज दिल्ली से लोहरदगा पहुंचने की उम्मीद

सबहेड : 20 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हो गई थी गायब

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड स्थित मसमानो गांव की 32 वर्षीय एतबरिया उरांव को नेपाल के काठमांडू से रेस्क्यू कर तीन सितंबर को आइजीआइ हवाई अड्डा, नई दिल्ली लाया गया। वहां से उसे अब रांची लाए जाने की तैयारी है। लगभग 12 साल पहले 20 साल की उम्र में वह अपने पिता बिरसा उरांव के साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित एक ईट भट्ठे पर काम करने गई थी। वहीं से वह लापता हो गई थी। मानव तस्करों द्वारा इसके बाद उसे हरियाणा ले जाया गया और अब काठमांडू से उसे मुक्त कराया गया है। जानकारी के मुताबिक एतबरिया के नेपाल में होने की जानकारी एक आश्रम द्वारा ट्वीटर पर जारी पोस्ट के माध्यम से मिली थी। साथ ही हरियाणा पुलिस को भी इसकी जानकारी एक नेपाली समाजसेवी से मिली थी।

मिली थी सूचना

इधर, एतबरिया के नेपाल में होने की जानकारी जब संबंधित माध्यमों से मुख्यमंत्री और मंत्री चंपाई सोरेन तक पहुंची, इस सूचना पर आगे की कार्रवाई करते हुए उसे वापस झारखंड लाने का निर्देश राज्य सरकार ने झारखंड राज्य प्रवासन नियंत्रण कक्ष को दिया। इसके बाद टीम हरकत में आई और उसकी सुरक्षित वापसी के लिए नेपाल और भारत के दूतावासों के साथ समन्वय बनाया गया। इसके बाद एतबरिया के साथ उसकी मां और बड़ी बहन की वीडियो कांफ्रें¨सग कराई गई। यह 12 साल पूर्व लापता हुई एतबरिया ही है, इसकी पुष्टि होने के बाद उसे नेपाल से सुरक्षित भारत लाया गया। लोहरदगा के उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने रविवार को उसके पैतृक गांव पहुंच जाने की उम्मीद जताई है।

वापसी को लेकर खुशी

बहरहाल, एक लंबे अंतराल के बाद एतबरिया की वापसी से उसके स्वजन काफी खुश हैं। उसके पिता का देहांत हो चुका है। मां और बड़ी बहन के अनुसार, उन्होंने उसकी वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। स्वजनों ने एतबरिया की वापसी पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। एतबरिया की बहन के मुताबिक सरकार के एक अधिकारी बहन से भेंट कराने के निमित्त उसे दिल्ली ले गए, वहां अपनी खोई बहन को अपने सामने देखकर काफी खुश हूं।

योजनाओं का मिलेगा लाभ

लोहरदगा के उपायुक्त के अनुसार, एहतियात के तौर पर एतबरिया और उसके स्वजनों की कोविड जांच कराई जाएगी। साथ ही उसे राज्य सरकार के माध्यम से संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस बाबत उसके घर तथा उसके परिवार से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है।

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मानव तस्करी समाज के लिए एक अभिशाप है। हमें इसे समाप्त करना होगा। हमारी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। मानव तस्करी की शिकार झारखंड की बेटियों ने काफी कुछ झेला है। लेकिन, अब और नहीं। मानव तस्करी में शामिल लोग सचेत हो जाएं, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री।

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