-केंद्र, राज्य सरकार के अलावा विश्व बैंक भी करेगा मदद

3.5 लाख मीटर बदले जाएंगे फ‌र्स्ट फेज में

250 करोड़ रुपए फ‌र्स्ट फेज में होंगे खर्च

दो महीने बाद आपका बिजली मीटर स्मार्ट हो जाएगा। जी हां, जेबीवीएनएल काफी तेज से इस दिशा में काम कर रहा है। अप्रैल की पहली तारीख से साधारण मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। मीटर बदलने के एवज में कंज्यूमर से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जेबीवीएनएल के अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में सिटी के साढे़ तीन लाख बिजली मीटर बदले जाएंगे। इसे लेकर विश्व बैंक की ओर से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल पत्र मिल चुका है। टेंडर भी अलॉट कर दिया गया है। इसी महीने प्री बीड मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग में एजेंसी का भी चयन कर लिया जाएगा। अगले महीने काम आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

रुकेगी बिजली चोरी

स्मार्ट मीटर लगने से बिजली की चोरी पर लगाम लगेगा। कंज्यूमर मीटर के साथ छेड़छाड़ भी नहीं कर सकेंगे। प्रीपेड बिजली की राह भी आसान होगी। बिजली प्रीपेड होने से मोबाइल की तरह ही ये मीटर भी रीचार्ज किया जा सकेगा। रीचार्ज खत्म होने पर अपने आप बिजली कट जाएगी। इस मीटर में कोई सिम नहीं होगा। कंज्यूमर नंबर से ही यह रिचार्ज हो जाएगा। इसके अलावा स्मार्ट मीटर आने के बाद ऑटोमेटिक बिलिंग भी हो सकेगी। इसके लिए मीटर रीडिंग की जरूरत नहीं होगी और न ऊर्जा मित्र आपके घर बिल देने जाएंगे। जेबीवीएनएल की मानें तो बिल भुगतान की सूचना, या नोटिफिकेशन एसएमएस के माध्यम से मोबाइल पर आ जाएगा। बिल पेमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में हो सकेगा।

250 करोड़ रुपए होंगे खर्च

साढे़ तीन लाख मीटर को स्मार्ट मीटर में कन्वर्ट करने में 250 करोड़ रुपए का खर्च आएंगे। सेंट्रल और स्टेट गर्वमेंट के अलावा विश्व बैंक भी इसमें मदद करेंगे। टोटल खर्च का 38 प्रतिशत राज्य सरकार, 30 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि 32 परसेंट योगदान विश्व बैंक का होगा। फ‌र्स्ट फेज में रांची सर्कल के शहरी क्षेत्र में मीटर रिप्लेसमेंट का काम होगा। सेकेंड फेज में रांची सर्कल के अधीन रांची और खूंटी में भी स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। रांची और खूंटी एरिया में सवा छह लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें सिर्फ रांची जिला में साढे़ पांच लाख कंज्यूमर्स हैं।

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