रांची : शहर में गत सोमवार को तेज बारिश के बाद उफनाए नाले में बहे उमेश राणा का कुछ अता-पता नहीं चलने से परिजनों सब्र जवाब देने लगा है। उनमें प्रशासन के प्रति आक्रोश झलक रहा है। इधर पांचवें दिन शुक्रवार को रांची के सिटी एसपी सौरभ, एसडीओ समीरा एस, बड़गाईं सीओ सहित अन्य पदाधिकारी हुंदरू गढ़ा के आसपास वाले इलाके में पहुंच उमेश राणा की तलाश करवाई। इस दौरान रांची की मेयर आशा लकड़ा भी मौजूद थीं। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में एनडीआरएफ की टीम ने हुंदरू गढ़ा के आसपास हर संभावित जगह को छान मारा। पानी के सतह और गहराई में भी तलाश की गई लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। शाम होने पर एनडीआरएफ और प्रशासन की टीम लौट गई।

तलाश करने पहुंचे थे 40 लोग

उमेश को ढूंढने में सफलता नहीं मिलती देख उसके गांव से 40 लोग बीते गुरुवार को रांची पहुंच गए थे। हजारीबाग के इचाक गांव से आए परिजन और मुहल्ले वासियों ने गुरुवार को नाले में घुसकर कोना-कोना छान मारा। खोरहा टोली स्थित डूबने वाले स्थल से लेकर स्वर्णरेखा नदी में मिलने वाली जगह तक कहीं कुछ नहीं मिला। इधर, शुक्रवार को भी गांव के लोगों ने हुंदरू गढ़ा के आसपास काफी तलाश की लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। हुंदरू गड़ा में एक शव को देखे जाने की सूचना पर पुलिस प्रशासन और उमेश के परिजनों में उम्मीद जगी थी। सूचना के बाद गुरुवार की शाम से ही तलाश में सभी जुट गए थे लेकिन सफलता नहीं मिली। शुक्रवार को भी पूरे इलाके को छान मारा गया।

सात सितंबर को बह गया था उमेश

बीते सात सितंबर को हुई भारी बारिश के बाद पानी के तेज बहाव में बाइक सहित उमेश बह गया। पास में मौजूद एक अन्य व्यक्ति बचाने पहुंचा लेकिन तेज बहाव में वह भी बहने लगा। आसपास के लोगों ने रस्सी फेंक उस व्यक्ति को खींचकर बाहर निकाला लेकिन बाइक सवार उमेश बाइक सहित पुल के नीचे बहता चला गया। घटना के दूसरे दिन मंगलवार को उमेश की बाइक बरामद की गई थी। यह भी आरोप लग रहा है कि निगम ने उमेश को ढूंढने में तत्परता नहीं दिखाई। घटना के दूसरे दिन पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने यह कहते हुए तलाश करने से इन्कार कर दिया था कि नाले में लाश ढूंढने का काम नगर निगम का है।

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