रांची: ¨सघानिया ब्रदर्स की फैक्ट्री से निकली शराब वर्ष 2017 के सितंबर माह में पूरे शहर में फैल चुकी थी। उस समय करम पर्व था। इसकी आड़ में खूब जहरीली शराब बेची गई थी। पांच सितंबर 2017 को अचानक जैप के दो जवानों की मौत हो गई। इसके बाद अलग-अलग जगहों से मौत की खबरें आने लगी। तीन से चार दिनों के भीतर 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कई अन्य जगहों से भी मौत की खबरें आईं, लेकिन लोगों ने शराब की वजह से मौत की बात छुपा ली थी। नकली शराब पीने के बाद लोगों को उल्टी, सांस फूलने और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। मौतों का सिलसिला शुरू हो गया, पूरे शहर में कोहराम मच गया था।

इनकी हुई थी मौत

जैप-1 जवान योगेश छेत्री (36 वर्ष), जवान महादेव मुर्मू (38 वर्ष), मजहर उर्फ लड्डू (22 वर्ष), मो इस्लाम उर्फ राधे (23 वर्ष), मंकी उर्फ बाजे (58 वर्ष), ¨टकू (25 वर्ष), मो महमूद (26 वर्ष), अमित तिवारी उर्फ ¨सटू, संदीप चौधरी, जैप जवान विक्रम राय (37), इरफानुल रहमान (32) सहित अन्य लोगों की मौतें हुई थी।

तीन को उम्रकैद की सजा

जहरीली शराब की सप्लाई करने वाले नरेश ¨सधिया के बड़े भाई प्रह्लाद ¨सधिया, गौतम थापा और इंद्रभान थापा को 20 अगस्त 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने तीनों को गैर इरादतन हत्या (धारा 304) और जहरीली चीजों की मिलावट (धारा 273) के मामले में दोषी करार दिया था। इस मामले में सुखदेवनगर और नामकुम थाने में मृतक के परिजन संतोष कुमार के बयान पर तीनों के खिलाफ 2017 में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी।

सोते समय पकड़ा गया था प्रह्लाद

अवैध शराब कारोबारी प्रह्लाद ¨सघानिया 4 सितम्बर 2017 से ही फरार था। पुलिस को चकमा देकर वह ठिकाना बदल-बदलकर रह रहा था। चार अक्तूबर 2017 को पुलिस को पक्की सूचना मिली थी कि ¨सघानिया अपने घर नामकुम जोरार आया हुआ है। इस सूचना के तुरंत बाद ही पुलिस टीम ने उसके घर छापा मारा और उसे सोते समय गिरफ्तार कर लिया।

दो दशक से अवैध कारोबार

¨सघानिया बंधु पिछले दो दशकों से रांची में अवैध शराब का कारोबार कर रहे थे। इस अवैध शराब कारोबार की खबर राजधानी के अधिकतर लोगों को थी। इसके बावजूद काला धंधा बदस्तूर जारी था। बताया जाता है कि ऐसा उत्पाद और पुलिस विभाग से मिलीभगत की वजह से संभव हो पाया था। ¨सघानिया के खिलाफ अवैध शराब कारोबार का पहला मामला 2005 में दर्ज हुआ था। वह कई बार पकड़ा गया लेकिन हर बार छूट जाता था।

हातमा कांड में भी नाम

एक अक्टूबर 2018 को रांची के हातमा बस्ती में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई थी। इस मौत के बाद भी अफरा-तफरी मची थी। इस घटना में मुख्य रूप से हरिओम साहू का नाम आया था। उसने कांके निवासी सोनाराम-मोनाराम के अलावा नरेश ¨सधिया से शराब सप्लाई की जानकारी दी थी। इस घटना के बाद भी नरेश ¨सधिया की पुलिस तलाश कर रही थी। लेकिन वह फरार था।