ऐसी है जानकारी
बता दें कि पाकिस्ताल से पांच सदस्यीय जांच टीम जेआईटी एक दिन पहले ही पठानकोट एयरबेस से जांच करके वापस लौटी है। एक इंटरनेशनल वेबसाइट से मिल रही खबरों पर गौर करें तो जेआईटी पठानकोट एयरबेस से किसी भी तरह के सबूत नहीं जुटा पाई है।

इस वजह से हुआ ये
इसका एक कारण ये भी बताया जा रहा है कि जांच के लिए उनको सिर्फ 55 मिनट ही मिले। जेआईटी सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों पर गौर करें तो इसमें जिक्र है कि वहां एनआईए ने सिर्फ इतना ही बताया है कि भारत की सीमा सुरक्षा बल की लापरवाही से ही ये आतंकी हमला हुआ।

जेआईटी की रिपोर्ट के अनुसार
उधर, दूसरी ओर जेआईटी की रिपोर्ट के अनुसार एनआईए की रिपोर्ट भारतीय अधिकारियों की ओर से किए गए दावे के पूरी तरह से उलट हैं। ये तब है जबकि एनआईए ने इस बात का दावा किया है कि इस मामले से जुड़े सभी सबूतों, गवाहों, नामों, उनके पतों को जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ और अन्य जेआईटी के साथ पहले ही साझा किया जा चुका है।

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