बिहार के नए सीएम बन सकते हैं नीतीश

बिहार में जनता दल यूनाइटेड की पार्टी मीटिंग में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. इसके साथ ही बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को सलाह दी गई है कि वे बिहार सीएम जीतनराम मांझी की बात ना मानें. इस मामले पर बीजेपी ने कहा है कि हमारे लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं.

बिहार में गहराया राजनैतिक संकट

बिहार सीएम जीतनराम मांझी द्वारा बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव रखे जाने के बाद से बिहार में राजनैतिक संकट की स्थिति बन गई है. यह प्रस्ताव रखे जाने के तुरंत बाद नीतीश समर्थक मंत्री मीटिंग से वॉकआउट करके सीधे नीतीश कुमार के घर पहुंच गए. इसके बाद नीतीश कुमार के घर पर होने वाली जदयू विधायक दल की मीटिंग में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है. इसी बीच बिहार राज्यपाल ने मांझी की दो मंत्रियों राजीव रंजन और पी के शाही को सस्पेंड करने की सिफारिश को मान लिया है. हालांकि राजभवन सूत्रों के अनुसार अब तक इस बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है कि केसरीनाथ त्रिपाठी कब पटना पहुंच रहे हैं. क्योंकि पश्चिम बंगाल के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी के पास बिहार और मेघालय का भी प्रभार है.

नीतीश-मांझी की मीटिंग में नहीं हुई सुलह

कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग से पहले जीतनराम मांझी अपने समर्थक मंत्रियों नरेंद्र सिंह और वृषिण पटेल के साथ नीतीश कुमार के घर पहुंचे थे. इस मीटिंग में मांझी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर समझौता करने की कोशिश की लेकिन मीटिंग बिना किसी सुलह के खत्म हो गई. इसके बाद मांझी ने विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को सात मांझी समर्थक मंत्रियों ने समर्थन प्राप्त हुआ लेकिन 22 मंत्रियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. जदयू के मंत्रियों ने कहा कि मांझी विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास नहीं भेज सकते क्योंकि कैबिनेट के ज्यादातर मंत्री इसके विरोध में हैं.

नीतीश हैं पहली और अंतिम पसंद

जनता दल यूनाइटेड के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि विधायक दल के नेता के रूप में नीतीश कुमार को ही चुना जाएगा क्योंकि वह ही पार्टी की पहली और अंतिम पसंद हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने आज शाम चार बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाई है.

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