ष्ट॥न्यक्त्रन्ष्ठ॥न्क्त्रक्कक्त्र: झामुमो के बंदगांव प्रखंड सचिव प्रदीप महतो (35) की सोमवार की सुबह अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनका शव पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के झरझरा हाट से कुछ दूर चितपिल और माइलपीढ़ के बीच रास्ते पर बरामद किया गया है। परिजनों और नकटी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि 15 से 20 हथियारबंद नक्सलियों के दस्ते ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। दूसरी ओर, पुलिस कह रही है कि प्रारंभिक जांच में यह यह नक्सली वारदात नहीं लगती है, यह हत्या प्रेम-प्रसंग में हुई है। प्रदीप महतो कराईकेला थाना क्षेत्र के सुबानसाई गांव के निवासी थे।

बताया गया कि सोमवार की सुबह फोन कर किसी ने उन्हें झरझरा बुलाया। इसके बाद वह बाइक से घर से निकल गए। उनके पास दो मोबाइल और लगभग बारह हजार रुपये थे। वारदात के बाद उनकी बाइक और मोबाइल घटनास्थल से नहीं मिले। घटना की सूचना मिलने के बाद टोकलो पुलिस चौकीदार और ग्रामीणों की मदद से शव बरामद कर शाम करीब चार बजे पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल पहुंची। शव आने के कुछ देर पहले डीएसपी आनंद मोहन सिंह, चक्रधरपुर थाना प्रभारी गोपीनाथ तिवारी, टोकलो थाना प्रभारी रघुनाथ किस्कू, कराईकेला थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार आजाद पुलिस बल के साथ पहुंच गए थे। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। दोपहर बाद जैसे ही लोगों को प्रदीप महतो की हत्या की सूचना मिली काफी संख्या में कराईकेला, नकटी के अलावा झामुमो नेता अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। सभी ने प्रदीप महतो की हत्या पर शोक प्रकट किया।

पुलिस और नक्सलियों से था संपर्क

सूत्रों का कहना है कि प्रदीप महतो का पुलिस और नक्सलियों दोनों के साथ संपर्क था। वह दोनों के लिए मुखबिरी का काम करता था। आशंका है कि नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के बुलावे पर ही वह झरझरा गए थे, जहां नक्सलियों ने उसकी हत्या कर दी। प्रदीप पुलिस के खुफिया विभाग के लोगों के साथ भी संपर्क में रहते थे।

शव लेने से परिजनों ने किया इन्कार

पोस्टमार्टम के लिए शव अनुमंडल अस्पताल पहुंचने के बाद परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों और नकटी क्षेत्र के लोगों का कहना था कि प्रदीप की हत्या नक्सलियों ने की है, लेकिन पुलिस प्रेम-प्रसंग बताकर मामले को दूसरा रूप दे रही है। हंगामे की खबर सुन डीएसपी आनंद मोहन सिंह पहुंचे और नाराज लोगों को समझाया। डीएसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रेम-प्रसंग का मामला सामने आया है। अगर परिजनों को लगता है कि ये नक्सली घटना है, तो प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद लोग माने और शव को गाड़ी से उतार पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

प्रदीप महतो की हत्या प्रेम-प्रसंग में हुई है। मृतक का झरझरा क्षेत्र की एक युवती से प्रेम संबंध था, जिस कारण वह उस क्षेत्र में हमेशा आते-जाते रहता था। प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि यह नक्सली घटना नहीं है। नक्सलियों द्वारा अगर हत्या की जाती तो वहां पर्चा मिलता, लेकिन ऐसा कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो भी दोषी होंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

- आनंद मोहन सिंह, डीएसपी, चक्रधरपुर।

प्रदीप महतो पुलिस का आदमी था। वह पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करता था। उसके पास पुलिस के आला अधिकारियों का फोन आता था। आज सुबह साढ़े सात बजे फोन आया था, जिसके बाद वह बाइक लेकर घर से निकला। वर्दी पहने हथियारबंद लोगों ने चितपिल के पास उसकी हत्या की है। नक्सलियों ने ही उसे मारा है।

- दीपक महतो, मृतक प्रदीप का बड़ा भाई।