नई दिल्ली (पीटीआई)। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर के अनुसार, आईपीसी की धारा 186, 353, 332, 188 के तहत लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में सोमवार को अरबिंदो मार्ग पर हुई घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई। वहीं आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 151, 34 और क्षतिपूर्ति रोकथाम अधिनियम की धारा 3 को भी एफआईआर में जोड़ा गया है। इस पर जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

फीस वृद्धि के खिलाफ विरोध मार्च

जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन की, जिससे शहर की रफ्तार ठहर गई। छात्रों ने हाल ही में हुई फीस वृद्धि का विरोध करते हुए एक विरोध मार्च निकाला, जिसके खिलाफ तीन सप्ताह से आंदोलन चल रहा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस के साथ उनकी झड़प के दौरान, उन पर लाठी चार्ज किया गया। हालांकि, शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग से इनकार किया है। पुलिस के अनुसार, आठ घंटे के विरोध प्रदर्शन के दौरान जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न विश्वविद्यालयों के हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया, लगभग 30 पुलिस कर्मी और 15 छात्र घायल हो गए।

तीन सदस्यीय समिति का गठन

मार्च शुरू होने से पहले ही जेएनयू कैंपस के मुख्य गेट के बाहर पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की भारी तैनाती थी। वाटर कैनन और पीसीआर वैन भी बाहर तैनात थे। विरोध शुरू होने से पहले, मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी के सामान्य कामकाज को बहाल करने और छात्रों और प्रशासन के साथ बातचीत शुरू करने के तरीकों की सिफारिश करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।

100 प्रदर्शनकारी हिरासत में

प्रदर्शनकारियों ने दोपहर के आसपास मार्च निकाला, परिसर के मुख्य द्वार पर बैरिकेड तोड़ दिए और बाबा गंगनाथ मार्ग की ओर बढ़े, यहां भी बैरिकेडिंग की गई थी। पुलिस ने लगभग 100 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जिनमें जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइश घोष, सचिव सतीश चंद्र यादव और जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी शामिल थे। छात्रों को अंततः सफदरजंग मकबरे के बाहर रोक दिया गया, जहां, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया। शनिवार को, जेएनयू के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक को डिफेस करने की घटना पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी।

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