नई दिल्ली (पीटीआई)। जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 5 जनवरी को हिंसा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई।दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वाट्सऐप और गूगल को निर्देश दिया कि वे पाॅलिसी के मुताबिक जेएनयू हिंसा से संबंधित जानकारी को सुरक्षित करें और उसे पुलिस को उपलब्ध कराए। कोर्ट ने पुलिस से दो वाट्सऐप गु्रप के मेंबर्स के फोन भी जब्त करने के लिए कहा, जिन पर 5 जनवरी की हिंसा कथित रूप से शामिल होने आरोप है। इसके अलावा जस्टिस बृजेश सेठी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया कि वह पुलिस द्वारा मांगी गई हिंसा के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द उपलब्ध कराए। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को ही पुलिस, गूगल और वाट्सऐपसे जेएनयू के प्रोफेसरों अमीत परमेस्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत द्वारा दायर याचिकाओं पर जवाब मांगा है।

व्हाट्सएप ग्रुप से 37 छात्रों की पहचान की

वहीं इससे पहले सूत्रों ने जानकारी दी थी कि 11 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में 5 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान बनाए गए वाट्सऐप ग्रुप से 37 छात्रों की पहचान की है। बता दें कि 5 जनवरी रविवार की शाम को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला कर दिया था। नकाबपोशों की भीड़ ने कैंपस में आग लगा दी और तीन छात्रावासों में छात्रों को निशाना बनाया। नकाबपोश भीड़ ने वर्सिटी में स्टूडेंट और प्रोफेसरों पर लाठी और रॉड से हमला किया था। इस दाैरान जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष सहित 18 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। इसके बाद में दिल्ली समेत पूरे देश में छात्र व शिक्षक सड़कों पर उतर आए थे। घटना के संबंध में वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस स्टेशन में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

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