नई दिल्ली (पीटीआई)। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में 5 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप से 37 छात्रों की पहचान की है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पहचाने गए व्यक्ति किसी भी वाम या दक्षिणपंथी संगठन के नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि उन लोगों की पहचान की गई है जो सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया के पक्ष में थे और खुद को एनरॉल कराना चाहते थे। शुक्रवार को पुलिस ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाने के जेएनयू कैंपस में हिंसा बढ़ गई थी। फिलहाल, पुलिस उस ग्रुप को स्कैन कर रही है।

पुलिस ने शुक्रवार को दिखाई थी कुछ तस्वीरें
इससे पहले, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने जेएनयूएसयू के अध्यक्ष आइशी घोष सहित नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थीं, जिन्हें उन्होंने हिंसा में शामिल होने का दावा किया है। डीसीपी (क्राइम), जॉय तिर्की द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने एक तस्वीर दिखाई जिसमें आइशी घोष को जेएनयू कैंपस के अंदर भीड़ का नेतृत्व करते देखा गया। पुलिस ने कहा कि आइशी घोष ने एक भीड़ का नेतृत्व किया जिसने विश्वविद्यालय के अंदर पेरियार हॉस्टल पर हमला किया। हालांकि, पुलिस ने उस सीसीटीवी फुटेज को प्रस्तुत नहीं किया, जिसमें हिंसा के दौरान सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने का दावा किया गया था। डीसीपी तिर्की ने बताया कि उन्होंने अब तक किसी को हिरासत में नहीं लिया है। डॉ जॉय तिर्की ने कहा, '5 जनवरी को हुई हिंसा मामले में 9 संदिग्धों की पहचान हो गई है। उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं।'

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