नई दिल्ली (एएनआई)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के तीन प्रोफेसरों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। तीनों प्रोफेसर ने जेएनयू हिंसा के मामले में याचिका दायर करते हुए यूनिवर्सिटी के अंदर हिंसा से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों को सुरक्षित करने की मांग की है। यह बात दिल्ली पुलिस को हिंसा से जुड़ी तीन और शिकायतें मिलने के बाद आई। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक जेएनयू हिंसा से जुड़ी तीन और शिकायतें मिली हैं, अब तक कुल मिली हुई शिकायतें 14 हो गईं हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने अधिक लोगों से आने और जेएनयू हिंसा के वीडियो को डिसपोज करने की अपील की है। अब तक लगभग 12 लोगों ने पुलिस से संपर्क किया है और अपने बयान दर्ज किए हैं।

हिंसा के दौरान घायल हुए लोगों से बात करेगी क्राइम ब्रांच

सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के दौरान घायल हुए लोगों से बात करेगी। सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने एंट्री रजिस्टर भी ले लिया है क्योंकि विश्वविद्यालय में सर्वर खराब होने के कारण सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं था। वहीं जेएनयू में हुए हमले के बाद जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन काफी नाराज है। उसने कैंपस में हुई हिंसा के पीछे यूनिवर्सिटी प्रशासन की मिलीभगत बताया है। प्रशासन की मिलीभगत के बिना जेएनयू में हिंसा संभव नही है। दिल्ली पुलिस पर निष्क्रियता बरतने का आरोप लगाया है।

स्टूडेंट और प्रोफेसरों पर लाठी और रॉड से हमला हुआ था

बता दें कि 5 जनवरी रविवार की शाम को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला कर दिया था। नकाबपोश भीड़ ने वर्सिटी में स्टूडेंट और प्रोफेसरों पर लाठी और रॉड से हमला किया। इस दाैरान जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष सहित 18 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। जेएनयू में हमले की घटना के बाद पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया था। यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। इसके बाद देश भर में जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए थे।

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