- वर्ष 2019 में एक भी रोजगार मेले का नहीं हो सका आयोजन
- वर्ष 2018 में 18 रोजगार मेलों का हुआ था आयोजन
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55895-कुल रजिस्टर्ड अभ्यर्थी
22188-महिलाओं ने भी कराया रजिस्ट्रेशन
33707-पुरुष अभ्यर्थी है रजिस्टर्ड
4962-अभ्यर्थियों को वर्ष 2018 में मिली जॉब
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बरेली:
लोकसभा इलेक्शन की आचार संहिता ने बेरोजगारों की समस्या बढ़ा दी है. रीजनल इम्प्लॉयमेंट ऑफिस की तरफ से जहां प्रतिमाह कम से कम एक या दो रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता था वह भी बंद हो गए. इससे परेशान अभ्यर्थी अब इंप्लॉयमेंट ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि इंप्लॉमेंट ऑफिस आने पर भी उन्हें समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि जब तक आचार संहिता नहीं हटती रोजगार मेलों का आयोजन नहीं हो सकता है. जिससे वह मायूस होकर वापस लौट रहे हैं.
यूथ का बढ़ा था रुझान
रीजनल इंप्लॉमेंट ऑफिस में प्लेसमेंट के लिए अच्छी कंपनियां नहीं आने से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद यूथ आना ही नहीं चाहता था. लेकिन पिछले कुछ साल से रोजगार मेलों में जब से अच्छी कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आनी शुरू हुई तब से यूथ का भी रोजगार ऑफिस की तरफ रुझान बढ़ा है. वर्ष 2018 में इसका रिजल्ट भी देखने को मिला, रोजगार मेलों के जरिए करीब 4962 अभ्यर्थियों को रोजगार भी मिला. लेकिन वर्ष 2019 का दूसरा महीना शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक एक भी रोजगार मेला नहीं लग सका, और न किसी अभ्यर्थी को रोजगार मिल सका. जिससे रोजगार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराने वाले यूथ परेशान हैं.
3 महीने पहले लगा जॉब फेयर
इंप्लॉयमेंट ऑफिस की ओर से वित्तीय वर्ष 2018-19 में आखिरी जॉब फेयर फरवरी में फ्यूचर कॉलेज में लगा था, जिसमें कई बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर अभ्यर्थियों का सिलेक्शन किया था. इसके बाद से अब तक अभ्यर्थी जॉब फेयर लगने का इंतजार कर रहे हैं.
नहीं मिला अभी तक टारगेट
विभाग की मानें तो वर्ष 2019-20 के लिए कितने रोजगार मेलों का आयोजन किया जाना है, इसके लिए टॉरगेट तो आने वाला था. लेकिन इसी बीच आचार संहिता लग गई. इसके चलते अभी तक टारगेट नहीं मिल पाया कि प्रतिमाह और पूरे वर्ष में कितने रोजगार मेलों का आयोजन किया जाना है.
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-आचार संहिता के चलते रोजगार मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है. आचार संहिता हटने के बाद फिर से रोजगार मेलों का आयोजन शुरू कर दिया जाएगा. ताकि अधिक से अधिक रजिस्टर्ड अभ्यर्थियों को उसका लाभ मिल सके.
आरके उपाध्याय, असिस्टेंट डायरेक्टर, रीजनल इंप्लॉमेंट आफिस