--घर बैठे टीचर बनने वाले लोगों की डिग्रियों पर सवाल

--बिना मान्यता वाले संस्थानों से पास आउट टीचर होंगे आउट

--बीएड की डिग्री खंगालेगा शिक्षा विभाग

घर बैठे टीचर बनने का सपना देखने वालों पर लगातार गाज गिराई जा रही है। एक तरफ तो शैक्षणिक संस्थानों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है ताकि जो भी उपस्थित न हो उसकी डिटेल शिक्षा विभाग के हाथ लग जाए। टीचर ट्रेनिंग के सारे संस्थानों में यह डिवाइस अनिवार्य रूप से लगाने का निर्देश जारी किया गया है। इसकी डेडलाइन खत्म हो चुकी है अब वैसे शिक्षण संस्थानों की तलाश की जा रही है, जहां बायोमीट्रिक डिवाइस नहीं लगायी गयी है। दूसरी ओर अब सभी प्लस टू स्कूलों में कार्यरत टीचर्स की बीएड की डिग्री भी जांची जाएगी। यह देखा जाएगा कि उन्होंने किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से डिग्री ली भी है या नहीं।

तीन हजार से ज्यादा पर जांच

स्टेट के प्लस टू स्कूलों में कार्यरत करीब 3300 शिक्षकों के बीएड सर्टिफिकेट की जांच होगी। जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) से नहीं होगी, उन्हें सेवा से हटाया जायेगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इसके लिए सभी जिलों से प्लस टू स्कूलों में नियुक्त और कार्यरत शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है।

शिकायत के बाद कार्रवाई

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग में कई जिलों से बिना एनसीटीई की मान्यता वाले संस्थानों से बीएड की मान्यता के आधार पर नियुक्ति की शिकायत मिली है। इसके आधार पर विभाग ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है। सभी जिलों को शिक्षकों का नाम, स्कूल का नाम, जन्मतिथि, नियुक्ति की तिथि, कोटि, किस संस्थान से बीएड की डिग्री ली और किस वर्ष ली, इसकी जानकारी देने को कहा गया है। जिलावार रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी। एनसीटीई की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मान्यता वाले संस्थानों की बीएड की डिग्री ही मान्य होगी। बिना मान्यता वाले डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति न तो किसी स्कूल और न ही किसी यूनिवर्सिटी में होगी।

पारा टीचर्स की भी जांच

स्टटे के कई जिलों के पारा शिक्षकों की बहाली से लेकर पारा शिक्षक से प्राइमरी में बने शिक्षकों की जांच चल रही है। पलामू के दो प्रखंडों में पारा शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की रिपोर्ट आने के बाद छह दूसरे जिलों में जांच के आदेश डीडीसी को दिये गये हैं। वहीं, राज्य के करीब 10 हजार वैसे वेतनमान वाले शिक्षक जो पारा शिक्षक से बने हैं, उनकी भी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच चल रही है। शिक्षकों पर बिना अनुमति से शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने का आरोप है। ऐसे में आरोप साबित होने पर संबंधित शिक्षकों की नौकरी भी जाएगी।

वर्जन

कई जिलों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच में साफ हो जाएगा और फर्जी डिग्री वाले लोग बाहर निकाले जाएंगे।

उमाशंकर सिंह, निदेशक

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग