मुंबई (मिड-डे)। क्या एक एक्टर के तौर पर सीरियस लिए जाने की जंग आपने जीत ली है?

लंबे वक्त तक मुझे फर्नीचर कहा गया या लोग मेरे बारे में कहते थे कि मॉडल्स एक्टिंग नहीं कर सकते पर वे लोग या तो इंडस्ट्री से जा चुके हैं या जाने की कगार पर हैं। आज नई ऑडियंस और मीडिया मौजूद है, जिसके सामने मैं अपना कंटेंट लेकर जा रहा हूं। मेरे कंटेंट और परफॉर्मेंस को पसंद किया जा रहा है। क्रिटिसिज्म को सही तरह से लेना और इम्प्रूव करना भी जरूरी है।

आपको लेकर इंडस्ट्री में सोच बदली है?

जिन लोगों के साथ मैंने काम किया है वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। उन्हें कभी कोई डाउट नहीं रहा। कई लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने बाटला हाउस देखने के बाद मुझसे कहा, 'हम एक नए एक्टर को देख रहे हैं। तुम्हारे अंदर नई एनर्जी दिख रही है।' ये वही लोग हैं जिन्होंने कभी मुझे रिजेक्ट कर दिया था।

तीन सालों में मिली सक्सेस से क्या आपको फील आती है कि अब आपकी जगह पुख्ता है?

अगर मैं औरों को ज्यादा अहमियत देता तो ऐसा होता। मैं क्रिटिक्स को ज्यादा तवज्जो नहीं देता। जब वक्त बुरा था तो मैं ही वह अकेला इंसान था जो खुद को कन्विंस करता था। मुझे नहीं पता कि लोगों को कैसे फॉलो करना है या किस कैम्प में कैसे जाना है। मैं अपनी तरह की मूवीज और अपनी तरह का कंटेंट तैयार करता हूं।

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क्या लोग आपको सेल्फिश नहीं मानेंगे?

जो लोग मुझे जानते हैं उन्हें पता है कि मुझे अकेला रहना पसंद है। करण जौहर मेरे सबसे करीबी दोस्तों में से एक हैं। मैं उनकी पार्टीज में

नहीं जाता हूं पर हम आज भी दोस्त हैं। मैं अपनी मोटरसाइकिल्स, कार्स या रीडिंग में वक्त बिताना पसंद करता हूं, पर क्या मुझे किसी एक्टर को अप्रोच करने में मुश्किल होगी? नहीं, बिल्कुल नहीं। मैं भीड़ का हिस्सा नहीं बन सकता।'

sonil.dedhia@mid-day.com

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