एडवोकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष बोले, इसे तूल नहीं दें

वर्मा ने कहा कि यदि सिस्टम में कोई खामी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। केस के बंटवारे में रोस्टर का पालन भी होना चाहिए। किस जज को किस विषय पर सुनवाई करनी है, यह भी तय होना चाहिए। जैसे हाईकोर्ट में रोस्टर के हिसाब से केस का आवंटन होता है।

मीडिया को टिप्पणी का हक न दें

उन्होंने कहा कि यहां के जज हमेशा एक तरह के ही मामले की सुनवाई नहीं करते। चीफ जस्टिस तय करते हैं किस जज को और कब तक किन विषयों की सुनवाई करनी है। अध्यक्ष वर्मा ने सलाह दी किसुप्रीम कोर्ट के 25 जज मिल-बैठकर समस्या का हल कर लें। न्यायपालिका के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। किसी भी नेता एवं मीडिया को न्यायपालिका के मसले पर टीका-टिप्पणी करने का हक नहीं दिया जाना चाहिए।