-एनएमसीएच में पांचवें दिन भी जारी रही जूनियर डॉक्टरों स्ट्राइक

-इमरजेंसी और ओपीडी से लौटे मरीजे, नहीं हुआ ऑपरेशन

PATNA

: एनएमसीएच में पिछले पांच दिनों से चल रही जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक अब जानलेवा हो गई है। बुधवार को इस स्ट्राइक के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरी गई है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को लौटना पड़ रहा है। इमरजेंसी में भर्ती डायरिया के मरीज संपतचक के सोहगी रामपुर निवासी 65 वर्षीय लाला रविदास की बुधवार की सुबह मौत हो गई। मृतक के बेटे चंदन रविदास ने बताया कि उल्टी और शौच होने के कारण पिताजी को यहां लेकर आए थे। इलाज ठीक से नहीं होने के कारण मंगलवार रात तबियत ज्यादा बिगड़ गई। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उनकी मौत हो गई। जबकि जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी गेट के पास धरने पर बैठे रहे। मेन इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में सन्नाटा पसरा रहा। बुधवार को भी कई मरीजों का ऑपरेशन टल गया।

मायूस होकर लौटे मरीज

स्ट्राइक की वजह से अस्पताल परिसर में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। ओपीडी बंद होने के वजह मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ा। प्रभारी अधीक्षक डॉ। गोपाल कृष्ण ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जांच जारी है। हड़ताल खत्म किए जाने को लेकर अभी तक जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन को कोई पत्र नहीं सौंपा है। इन्हें मनाने का प्रयास जारी है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात है।

क्या कर रही है डॉक्टरों की फौज

एनएमसीएच में बार-बार स्ट्राइक की वजह से मरीजों और उनके परिजनों में आक्रोश है। इलाज कराने आए लोगों का कहना है कि क्या पीजी के स्टूडेंट्स के भरोसे अस्पताल चल रहा है। यहां डॉक्टरों की फौज क्या कर रही है। लोगों का कहना था कि अस्पताल में करीब 350 डॉक्टर हैं। क्या इन डॉक्टरों के बूते अस्पताल नहीं चल सकता है? इमरजेंसी, ओपीडी और ऑपरेशन नहीं हो सकता है? लोगों ने अस्पताल में बार-बार होने वाली हड़ताल की परंपरा को समाप्त किए जाने की मांग की।

सीनियर डॉक्टरों में जूनियर का खौफ

अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों में स्ट्राइक कर रहे जूनियर डॉक्टरों का खौफ है। सीनियर डॉक्टर डरे-सहमे नजर आए। डॉक्टरों ने बताया कि मान-सम्मान बचाते हुए नौकरी करनी पड़ रही है। अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी चलाने का आदेश दिया है लेकिन यहां असुरक्षा का माहौल है। जूनियर डॉक्टर जबरन ओपीडी बंद करा रहे हैं।

यहां ओपीडी को करा दिया बंद

-मेडिसिन विभाग

-हड्डी रोग विभाग

-कान-नाक-गला विभाग

-सर्जरी विभाग

-शिशु रोग विभाग

-स्त्री एवं प्रसूति विभाग

-नेत्र रोग विभाग

फीस वापसी के लिए हंगामा

बुधवार सुबह एनएमसीएच के सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर निर्धारित समय पर खुला। सुबह 10 बजे तक रजिस्ट्रेशन का काम हुआ। इसके बाद हड़ताली आए और काउंटर को बंद करा दिया। रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीज जब ओपीडी पहुंचे तब वह बंद हो चुका था। इससे आक्रोशित मरीजों और उनके परिजन रजिस्ट्रेशन काउंटर पहुंच कर फीस वापस करने को लेकर हंगामा करने लगे।

अब जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई का इंतजार

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच टीम की रिपोर्ट पर प्रधान सचिव द्वारा लिए जाने वाले निर्णय का अब सभी को इंतजार है। प्राचार्य डॉ। विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि जांच रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गयी है।

एनएमसीएच टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सह नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ। प्रो। राजेश कुमार तिवारी ने साफ कर दिया कि अधीक्षक और शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष पर यदि किसी तरह की प्रशासनिक या दंडात्मक कार्रवाई होती है तो एसोसिएशन आगे की रणनीति तय करेगी। इसके बाद जो हालात उत्पन्न होंगे उसकी जवाबदेही सरकार की होगी। उन्होंने इन दोनों पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। दूसरी ओर, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। रवि रंजन कुमार रमण, डॉ। राहुल व अन्य ने कहा कि निदेशक प्रमुख डॉ। अशोक कुमार सिंह द्वारा की गयी जांच पर भरोसा है। दोषियों पर कार्रवाई होगी। एनएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार होगा। हमारी मांगें जरूर पूरी होंगी। मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

वर्जन

हड़ताल खत्म किए जाने को लेकर अभी तक जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन को कोई पत्र नहीं सौंपा है। उन्हें मनाने का प्रयास जारी है।

-डॉ। गोपाल कृष्ण, प्रभारी अधीक्षक, एनएमसीएच