लगातार बढ़ रहे युवा मरीज, तनाव और बदलती जीवन शैली बन रही वजह
Meerut। तनाव और दौड़ भाग भरी जिदंगी युवाओं को डायबिटिक बना रही है। युवा तेजी से इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। डायबिटीज युवाओं में बीपी की शिकायत भी बढा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि जीवनशैली और बाहरी खान-पान इस समस्या की सबसे बड़ी जड़ है। इसी समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में मनाया जाता है।
फैक्ट फाइल
250 - से ज्यादा मरीज जिला अस्पताल में डायबिटिज के रोजाना आते हैं।
700 - से ज्यादा मरीज रोजाना मेडिकल कॉलेज में डायबिटिज के आते हैं।
30 - प्रतिशत मरीज इनमें युवा हैं।
30-45 - साल के मरीज पिछले एक साल में बढ़े हैं।
ऐसे करें बचाव
रूटीन में बदलाव लाएं।
खान-पान सही करें क्योंकि खाने पीने में लापरवाही बरतने पर गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
फिजिकल एक्सरसाइज ज्यादा करें।
शुगर की मात्रा बढ़े तो डॉक्टर को दिखाएं।
खाली पेट शुगर का लेवल 126 से कम होना चाहिए
खाना खाने के बाद लेवल 200 से कम आना चाहिए।
खाली पेट 126 और खाने के बाद 199 लेवल है तो मरीज प्रीडायबटिक हो सकता है।
शुगर का एचबीएवन सी लेवल 6.5 से ऊपर होने पर दवा शुरू करें।
शुगर की जांच हर तीन महीने में करनी चाहिए।
सर्दियों में डायबिटीज के मरीजों को खास ख्याल रखना चाहिए।
सभी डायबिटिक पेशेंट्स के लिए एक्सरसाइज मस्ट है। डायबिटिज पेशेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि वह संतुलित और नियमित आहार लें। रेग्युलर एक्सरसाइज इससे बचाव कर सकती है।
डॉ। विश्वजीत बैम्बी, सीनियर फिजिशियन
खान-पान की आदतें डायबिटीज के पेशेंट्स को इफेक्ट करती हैं। सही खान-पान से इससे बचा सकता है। युवाओं में भी अब तेजी से डायबिटीज बढ़ रहा है।
डॉ। आरके गुप्ता, सीनियर फिजिशियन