अस्पताल स्टाफ पर मजाक उड़ाने का आरोप, 33 हजार किलोवाट का लगा इलेक्ट्रिक शॉक

करंट से गंभीर रूप से झुलस गई महिला, इलाज देने में लापरवाही बरतता रहा अस्पताल स्टाफ

Meerut. मेडिको लीगल के लिए चक्कर कटवाने से नाराज एक महिला जिला अस्पताल के पावर हाउस में सुसाइड करने की नीयत से कूद पड़ी. 33 हजार किलोवाट के पावर हाउस में कूदते ही महिला को तारों ने पकड़ लिया और जबरदस्त इलेक्ट्रिक शॉक लगा. इसकी वजह से महिला के कपड़े फट गए व जगह-जगह से जल गई. हादसा होने के काफी देर बाद तक भी महिला पावर हाउस में दर्द व जलन से चीखती पुकारती रही. मीडिया के पहुंचने पर स्टाफ हरकत में आया. वहीं आसपास मौजूद लोग भी वीडियो बनाते रहे. महिला का आरोप है. अस्पताल स्टाफ के दु‌र्व्यवहार से दुखी होकर उसे यह कदम उठाना पड़ा. हैरत की बात यह है कि 30 प्रतिशत से ज्यादा जलने के बाद भी महिला को बर्न यूनिट या हायर सेंटर रेफर नहीं किया गया. इलाज देने में भी जिला अस्पताल का स्टाफ लापरवाही बरतता रहा. वहीें अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला मानसिक रोगी है. वह कार्यालयों में जाकर इसी तरह से हंगामा करती हैं. उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

यह है मामला

जिला अस्पताल में मंगलवार को पीडि़त महिला कांस्टेबल के साथ मेडिको लीगल करवाने पहुंची थी. यहां इमरजेंसी से उसे जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहां भी डिटेल्स पूरी न होने की वजह से ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने मेडिकल करने से मना कर दिया व महिला कांस्टेबल को पूरी डिटेल्स लाने के लिए कहा. जिसके बाद महिला नाराज हो गई और डॉक्टर व स्टाफ पर भड़कने लगी. काफी हंगामे के बाद महिला वापस जिला अस्पताल पहुंची. यहां आकर वह सुप्रिडेंट ऑफिस पहुंची. वहां से बाहर आकर अचानक पहले पत्थर से सिर फोड़ने की कोशिश की उसके बाद रुपट्टे से अपना गला दबाने लगी. वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह उसको बचाया. फिर अचानक करीब दोपहर 1 बजे महिला पावर हाउस की दीवार पर चढ़कर अंदर कूद गई. जिसके बाद तेज धमाके के साथ बत्ती गुल हो गई. आवाज सुनकर कई लोग पावर हाउस के बाहर जमा हो गए और स्टाफ को बुलाया गया. करीब आधे-घंटे की जद्दोजहद के बाद महिला को वहां से बाहर निकाला गया. इसके बाद उसे इमरजेंसी ले जाया गया.

लापरवाही बरतता रहा स्टाफ

सिस्टम से तंग महिला पहले अपने इलाज के लिए भटकती रही, जिंदगी खत्म करने की कोशिश की लेकिन यहां जलने के बाद भी उसकी जंग खत्म नहीं हुई. हादसा होने के काफी देर बाद तक भी वह दर्द और जलन से तड़पती रही. करीब आधे घंटे बाद महिला को पॉवर हाउस से निकाला गया. इसके बाद इमरजेंसी में भी महिला को इलाज देने में पूरी लापरवाही बरती गई. उसके घावों पर न तो ठीक तरह से दवाई लगाई न ही उसे अन्य सपोर्टिग ट्रीटमेंट दिया गया. यही नहीं कपड़े जलने से अर्धनग्न स्थिति में भी महिला को स्टाफ ने ढकने की कोशिश भी नहीं की. पावर हाउस से इमरजेंसी वार्ड में महिला को अर्धनग्न स्थिति में ही लाया गया. जबकि महिला कर्मचारी उसे हाथ लगाने तक के लिए तैयार नहीं हुई. मेल स्टाफ ही उसके जख्मों पर लीपापोती करता रहा. इमरजेंसी वार्ड में भी महिला दर्द से कराहती रही. करीब दो घंटे बाद जब एसआईसी वार्ड में पहुंचे तब जाकर स्टाफ ने पीडि़ता की सुध ली. महिला के जख्मों पर दवाई लगाई गई व पेन किलर व जरूरी ट्रीटमेंट दिया गया.

सिक्योरिटी गायब

दिनदहाड़े पावर हाउस में महिला के कूदने से अस्पताल की सिक्योरिटी की पोल खोल दी हैं. न तो यहां सुरक्षा के लिए गार्ड हैं न ही सीसीटीवी काम कर रहे हैं. मेन गेट से लगे पावर हाउस के पास दिनभर लोगों का जमावाड़ा लगा रहता है. करीब 5 हजार लोग यहां से गुजरते हैं. इसके अलावा सामने ही जिला टीबी कार्यालय हैं. लेकिन किसी ने महिला को पावर हाउस पर चढ़ते हुए नहीं देखा. पॉवर कंट्रोल हाउस से पूरे अस्पताल की बिजली संचालित होती है लेकिन यहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है.

इनका है कहना

यहां मुझे इलाज नहीं दे रहे थे. डॉक्टर व कर्मचारी ने मुझे पागल कहकर मेरा मजाक उड़ाया और भगा दिया. मेरे तीन बच्चे हैं. पति नहीं हैं. मैं परेशान होकर मरने के लिए कूदी थी.

पीडि़ता

महिला दिमागी रूप से बीमार है. मंगलवार को मेडिकल करवाने के दौरान उसने अंदरुनी अंगों में चोट की बात कही थी. उसके बाद उसे महिला अस्पताल रेफर किया गया था. सोमवार को भी उसका मेडिकल हुआ था.

डॉ. प्रदीप, ईएमओ, जिला अस्पताल

महिला मेडिकल के लिए आई थी. उसकी फाइल में एफआईआर नंबर नहीं था. कांस्टेबल को वहीं लाने के लिए कहा था.इसके बिना मेडिकल करना संभव नहीं था. इससे महिला नाराज हो गई और गाली-गलौज करती हुई बाहर चली गई.

डॉ. किरन, ईएमओ, महिला अस्पताल

महिला ने सोमवार और मंगलवार दोनों दिन मारपीट का मामला दर्ज करवाया था. उसके मेडिकल के लिए ही उसे अस्पताल भेजा गया था. महिला कांस्टेबल उसके साथ थी.

आनंद प्रकाश मिश्रा, थाना इंचार्ज, कंकरखेड़ा

महिला कहां से आई, कैसे कूदी मुझे इसकी जानकारी नहीं हैं. वह दिमागी रूप से बीमार हैं उसका इलाज चल रहा है और प्यार से हैंडल करना पड़ता हैं. वह अधिकतर सभी ऑफिसों में जाकर हंगामा करती है. यहां भी क्या मामला हुआ है इसकी जांच करवाई जा रही है.

डॉ. पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल