राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर गुरुवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ ली। इसके साथ ही वो देश के 43वें चीफ जस्टिस बन गए। नए चीफ जस्टिस को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। इससे पहले बुधवार को मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हो रहे जस्टिस एचएल दत्तू के विदाई समारोह में जस्टिस ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित 58 हजार मामलों को निपटाना सबसे बड़ी चुनौती बताया।
ऐसा था जस्टिस ठाकुर का सफर
जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की पहली नियुक्ति जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में 16 फरवरी 1994 को अतिरिक्त न्यायधीश के रूप में हुई थी। इससे पहले जस्टिस टीएस ठाकुर लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में ही प्रैक्टिस करते रहे थे। उन्हें सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, टैक्स मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। मार्च 1994 में जस्टिस ठाकुर को स्थानांतरित कर कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायधीश नियुक्त किया गया। जुलाई 2004 में जस्टिस ठाकुर की नियुक्ति दिल्ली उच्च न्यायालय में की गई, जहां वे अप्रैल 2008 तक कार्यकारी मुख्य न्यायधीश के पद पर रहे।
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